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Bihar: भाजपा के लिए संजीवनी साबित होगी बड़बोले नेताओं की बयानबाजी

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पटनाः सात दलों के महागठबंधन की बिहार में सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्य में जहां खुद की सरकार बनाने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है, वहीं अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 40 सीटों में से 36 से अधिक पर जीत दर्ज करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल, भाजपा बिना किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन के आगे बढ़ रही है। ऐसे में भाजपा के हक में जहां परिस्थितियां अनुकूल देखी जा रही हैं, वहीं महागठबंधन के नेता जिस तरह राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को उभारने वाली बयानबाजी कर रहे हैं, उससे भाजपा की बांछे भी खिल गई हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक राज्य के लोगों को यह दिखाने या बताने में सफल नजर आ रहे हैं कि भले ही नीतीश कुमार की सरकार में भाजपा शामिल रही हो, लेकिन नीतीश कुमार के कारण बहुत सारी नीतियों को लागू नहीं कर सकी। ऐसे में एंटी इनकंबेंसी की स्थिति में घाटा भी नीतीश को ही उठाना पड़ेगा। इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देकर वोटों को अपने साथ जोड़ती रही है।

ऐसे में हाल के दिनों में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा एक शिक्षण संस्थान में रामचरितमानस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी और जदयू के एमएलसी गुलाम रसूल वालियावी के द्वारा झारखंड में ‘शहर को कर्बला बना’ देने वाला बयान को लेकर भाजपा के नेता अचानक मुखर हो गए। बिहार की राजनीतिक को नजदीक से समझने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बेवजह मामलों को उठाया जा रहा है। राजद और जदयू के नेताओं के ऐसे बयानों से निश्चित तौर पर भाजपा को लाभ मिलेगा। जदयू और राजद के नेता भले ही ऐसे बयान मुसलमानों को खुश करने के लिए देकर खुद लाभ उठाने की सोच रहे हों, लेकिन इसका अधिकांश लाभ भाजपा को होगा। मुस्लिम तो जदयू और राजद के साथ है ही, ऐसे में ऐसे गड़े मुद्दों को उठाने का कोई मतलब नहीं। इधर, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हुए उपचुनावों के परिणाम पर भी नजर डालें तो उसमें भी लाभ की स्थिति में भाजपा ही रही है।

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जानकारों का कहना है कि बिहार में इन दिनों हिंदू भावना को लेकर बयानबाजी की जा रही है। भारतीय सेना के ऊपर टिप्पणी की जा रही है। आगामी चुनाव में इसका खामियाजा महागठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों को उठाना पड़ेगा। चुनाव में अभी देर है और लोग उस समय तक इन बयानों को याद रख पायेंगे इसमें शक है। चुनाव में अगर भाजपा इन बयानों को उभार सकी तो लाभ हो जाएगा। कहा यह भी जा रहा है कि नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। यही कारण है कि उन्होंने शिक्षा मंत्री के बयान को राजद के पाले में डाल दिया है। नीतीश ने यह भी कहा कि किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा हाल में विरोधियों द्वारा बड़बोले नेताओं के बयानों को लेकर जोरदार सियासी हमला बोल रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी कहते हैं कि भाजपा कभी जाति, संप्रदाय की राजनीति नहीं करती है। भाजपा सरकार के केंद्र में गरीबों का उत्थान है। भाजपा की विकास की नीति जाति, संप्रदाय को देखकर नहीं बनाई जाती।

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