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CM नीतिश ने ‘भीम संसद रथ’ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, भाजपा को पटखनी देने की बनाए ये रणनीति

CM Nitish flagge'Bhim Sansad Rath

Bhim Sansad Rath- पटनाः बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सभी राजनीतिक दल विभिन्न जातियों के वोट को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए जुट गई है। इस बीच बिहार के सत्ताधारी जनता यूनाइटेड (जदयू) पटना में भी संसद का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

5 नवंबर को पटना में होगा ‘भीम संसद’ का आयोजन

बता दें कि ‘संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ’ नारे के साथ जेडीयू 5 नवंबर को पटना के वेटनरी ग्राउंड में ‘भीम संसद’ का आयोजन कर करने जा रही है। भीम संसद रथ पूरे बिहार का भ्रमण करेगी और लोगों को 5 नवंबर को पटना के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जागरूक करेगी। वहीं सीएम नीतीश ने भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि भीम संसद रथ के माध्यम से लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों, विचारों और उनके द्वारा किये गये कार्यों से अवगत कराया जायेगा।

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मौके पर मौजूद भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें नीतीश सरकार द्वारा सामाजिक समानता के लिए किये गये कार्यों को प्रस्तुत किया जायेगा। दलित समाज को मजबूत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सभी दलित भाइयों को पांच नवंबर के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जायेगा।

जाति और आरक्षण के मुद्दे को हवा दे रहा विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA

गौरतलब है कि विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन जाति और आरक्षण के मुद्दे को हवा दे रहा है। मतदाताओं के कुछ वर्गों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी संविधान में बदलाव कर आरक्षण खत्म करना चाहती है। वहीं, राजद और जदयू समेत भारतीय गठबंधन के कई दल आरक्षण की सीमा बढ़ाने के पक्ष में हैं। इन मुद्दों पर दलित पिछड़े और अति पिछड़े वोटों को साधने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बीजेपी ने जाति और आरक्षण के मुद्दे को हवा देने का फैसला किया है। पीएम मोदी खुद कह चुके हैं कि इंसान की जाति गरीब और अमीर की होती है और उनकी सरकार गरीबों के लिए लगातार काम कर रही है। अगर संख्या के आधार पर अधिकार देने की बात होगी तो अल्पसंख्यक मुसलमानों को कुछ नहीं मिलेगा। बीजेपी भी धर्म के आधार पर हिंदुओं को अपने पाले में करने की मुहिम चला रही है। इसका जवाब देने के लिए विपक्षी दलों ने ये उपाय निकाला है।

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