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शिक्षक नियुक्त भ्रष्टाचार मामले में बड़ा खुलासा, 35 लोगों को दिलाई गैरकानूनी नौकरी

Big disclosure in teacher appointment corruption case

कोलकाता: बंगाल शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसने 35 लोगों को अवैध रूप से लाखों रुपये में शिक्षक के रूप में नौकरी दिलवाई है। यह सब उनके पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से सीधे जुड़ाव और समय पर पैसे पहुंचाने की वजह से संभव हो पाया है।

ईडी के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि कुंतल से उन सभी 35 लोगों की सूची मांगी गई है, जिन्हें उसने अवैध रूप से शिक्षक की नौकरी दी है। उनसे भी सीधे पूछताछ की जाएगी। ये लोग मूल रूप से मुर्शिदाबाद, पूर्वी मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना के रहने वाले हैं। पिछले शनिवार को उसकी गिरफ्तारी के बाद कुंतल से लगातार पूछताछ की जा रही है। उसके साथियों शांतनु घोष और तापस मंडल से भी आमने-सामने पूछताछ की गई है। इस दौरान ये बातें सामने आई हैं।

पता चला है कि उसने 325 से अधिक परीक्षार्थियों से 19 करोड़ रुपये की उगाही की थी। इसके अलावा अवैध रूप से अधिक छात्रों को रोजगार देने के नाम पर 10 करोड़ से अधिक की वसूली की गयी। इसमें से 15.5 करोड़ रुपये पार्थ चटर्जी को नकद में हस्तांतरित किए गए, शेष राशि भी धीरे-धीरे पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ को हस्तांतरित कर दी गई।

गौरतलब है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद से पहले ही जेल में बंद हैं। माणिक के करीबी तापस से लगातार पूछताछ की जा रही है। उसने ही कुंतल के बारे में बताया था, जिसके बाद ईडी ने पिछले शुक्रवार को न्यूटाउन में दो फ्लैटों पर तलाशी अभियान के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। अब वह पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे भी कर रहा है।

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