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भारत जोड़ो यात्राः राहुल बोले- मुझ पर हो रहे निजी हमलों का मतलब है, मैं सही काम कर रहा हूं

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इंदौरः कांग्रेस नेता राहुल राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा नफरत को खत्म करने की यात्रा है, बेरोजगारी-महंगाई के खिलाफ है। मैं राजनीतिक मुद्दे उठाना नहीं चाहता। मुझे लगा कि देश में जो नफरत व हिंसा फैलाई जा रही है, वह खतरनाक है। मेरी जिम्मेदारी हैं कि मैं इसके खिलाफ कुछ करूं। यही भावना बहुत से लोगों में है। उन्होंने कहा कि भाजपा की दिक्कत है कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपये मेरी इमेज को खराब करने में लगा दिए, लेकिन ये मेरे लिए फायदेमंद रहा और और मेरी इमेज बना दी। सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। अगर आप किसी बड़ी शक्ति से लड़ रहे हो तो निजी हमले होंगे। अगर मुझ पर ये हमले हो रहे हैं तो मुझे लगता है कि मैं सही काम कर रहा हूं।

राहुल गांधी मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के छठवें दिन सोमवार को इंदौर में वैष्णव कॉलेज के पास एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ सांसद जयराम रमेश, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचोरी, पीसी शर्मा, शोभा ओझा और रागिनी नायक मौजूद रहे।

राहुल गांधी ने बेरोजगारी दूर करने के सवाल पर कहा कि सबसे बड़ा कारण तीन-चार लोगों के हाथ में हिन्दुस्तान का पूरा धन दे दिया है। वे हर क्षेत्र में एकाधिकार करते जा रहे हैं। टेलीकॉम, रिटेल, इंफ्रास्ट्रक्चर बाकी सब। इससे स्मॉल स्केल और मीडियम बिजनेस वालों की ग्रोथ रुक गई है, इसलिए जो ग्रोथ पोटेंशियल देते हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी है। जो इस देश की नींव है, जो किसान हैं, उन्हें छोड़ दिया है। उनको कोई सहायता नहीं है, उनको बीज, खाद, बीमा कुछ नहीं मिल रहा। आंख मूंदकर निजीकरण हो रहा है। कॉलेज, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, सब जगह। हम चाहते हैं कि स्कूल और अस्पताल सरकार की जिम्मेदारी है। स्कूल और हेल्थ केयर सरकार को देखना चाहिए।

उन्होंने मप्र में कांग्रेस सरकार गिराने वालों की वापसी के सवाल पर कहा कि यह आप अध्यक्ष से पूछें। मेरा मानना है कि यदि वे पैसे से खरीदे गए हैं तो उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। भारत ने अपने सबसे बुरे वक्त में भी इतना डर का माहौल नहीं देखा। इस यात्रा का लक्ष्य राजनीतिक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को अपना इतिहास याद दिला रहे हैं, जिस रास्ते पर अभी भारत है, इससे देश को बड़ा नुकसान होने वाला है। मैं केरल से निकला तो दिमाग में था कि इतना प्यार कहीं नहीं मिलेगा। फिर महाराष्ट्र में उससे ज्यादा मिला और अब लगता है की जितना प्यार इंदौर और मध्य प्रदेश में मिला वैसा कहीं नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि लोगों ने कहा था कि केरल में सफल होगी, लेकिन बाद में दिक्कत होगी। कर्नाटक में आए तो कहा कि साऊथ में सफल होगी लेकिन बाद में दिक्कत होगी, फिर महाराष्ट्र और अब मध्य प्रदेश में भी सफल यात्रा हुई है। अब यह सिर्फ कांग्रेस की यात्रा नहीं रहीं, सभी इसमें जुड़ गए हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी यात्रा मैंने पहले कभी नहीं की। पहले 5-10 दिन बाद पता चला हजारों किमी चलना है। घुटने की पुरानी चोट का दर्द उभरा, लगा चल पाऊंगा या नहीं, मगर चलना तो था। एक छोटी सी लड़की आई मगर दूर चल रहीं थी, उसने एक चिठ्ठी दी बोली बाद में पढ़ना। थोड़ी देर बाद सोचा पढ़ लेता हूं। उसमें लिखा था ये मत सोचो आप अकेले हो, मैं भी आपके साथ चल रहीं हूं, ऐसे बहुत से लोग हैं।

उन्होंने कहा कि धैर्य बढ़ा है, लोगों को सुनने का तरीका बदला है, लोगों को समझने लगा हूं। छोटे उद्योग बंद हो रहे हैं, जीएसटी और नोटबंदी से नुकसान हुआ। देश की नींव किसान हैं, उन्हें अकेला छोड़ दिया हैं। उन्हें खाद नहीं मिलती। इस सामाजिक ढांचे की रक्षा करना जरुरी हैं।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का सोमवार को मध्य प्रदेश में छठवां दिन है। यात्रा सुबह बड़ा गणपति चौराहे से शुरू हुई। सांवेर रोड मॉडर्न चौराहे के पास यात्रा में दो युवकों ने जय श्रीराम के नारे लगाने के बाद मोदी-मोदी के नारे लगाए। पदयात्रा कर रहे राहुल ने भी दोनों युवकों को अपने पास बुलाया लेकिन वे भाग गए। मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अनुसार, राहुल दोनों युवकों से मिलकर गले लगाना चाहते थे। यात्रा जिंसी चौराहा से किला मैदान होते हुए मरीमाता चौराहा पहुंची। यात्रा यहां से सांवेर के लिए रवाना होगी। सोमवार को यात्रा सांवेर में रात्रि विश्राम करेगी और मंगलवार सुबह उज्जैन के लिए रवाना होगी।

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