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बंगाल सरकार ने कहा- डॉक्टरों की सभी मांग मान लीं, लेकिन इन तीन का टाइमलाइन पॉसिबल नहीं

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कोलकाताः Junior Doctors की मांगों पर चर्चा के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत (West Bengal Chief Secretary Manoj Pant) के साथ स्वास्थ्य भवन में बैठक हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की दस में से सात मांगों पर प्रगति हुई है। शेष तीन मांगों के लिए फिलहाल कोई निश्चित टाइमलाइन बता पाना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा, “इन मुद्दों पर ‘समयसीमा’ बताना मुश्किल है, लेकिन हम सुधार की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।” रविवार को मुख्य सचिव ने बैठक के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अन्य डॉक्टर संगठनों को निमंत्रण भेजा था। बैठक में मुख्य सचिव के अलावा गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, स्वास्थ्य निदेशक और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक भी मौजूद थे, लेकिन स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम की अनुपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया।

निर्वाचित प्रतिनिधि पर अटका पेंच

आंदोलनकारी डॉक्टर निगम को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं और उनकी अनुपस्थिति को इसी मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। बैठक में 12 डॉक्टर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें प्रत्येक संगठन के दो प्रतिनिधि शामिल थे। स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग के साथ ही डॉक्टरों ने दक्षिण कोलकाता के एक पूजा मंडप से गिरफ्तार किए गए नौ आंदोलनकारियों का मुद्दा भी उठाया।

साथ ही, उन्होंने तृणमूल विधायक और डॉक्टर नेता सुदीप्त रॉय को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े पद से हटाने की मांग की। इस पर प्रशासन ने जवाब दिया कि इस तरह से निर्वाचित प्रतिनिधि को हटाना संभव नहीं है। बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर आपत्ति है।

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ढाई घंटे तक चली बैठक

डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड और राज्य चिकित्सा परिषद में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया और धर्मतला में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष कौशिक चाकी ने बैठक के बाद कहा, “मैंने मुख्य सचिव से कहा कि वे वातानुकूलित कमरे में चर्चा करने के बजाय भूख हड़ताल मंच पर जाएं।

ऐसा लगता है कि सरकार के लिए मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमारे साथी डॉक्टरों की जान नहीं।” बैठक के दौरान मेडिकल कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें मुख्य सचिव ने चुनाव कराने का आश्वासन दिया। बैठक करीब ढाई घंटे तक चली और मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने सभी पक्षों की बात सुनी है और उनके विचार दर्ज किए हैं।

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