भारत में सॉफ्ट पोर्न हो या ऐरोटीक दोनों ही अपराध, जानिए क्या कहता है आईटी एक्ट 2000

नई दिल्ली: फिल्म अभिनेत्री शिल्पी शेट्टी के पति राज कुंद्रा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस का आरोप है कि राज कुंद्रा पोर्न फिल्म बना रहे थे, वहीं राजकुंद्रा के वकील एरोटिक फिल्म बनाने की बात कह रहे हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में इसे लेकर कोई कानून नहीं है, लेकिन आईटी एक्ट-2000 ऐसे वीडियो को प्रसारित या कंटेंट को प्रकाशित करने पर तीन श्रेणी में अपराध की व्याख्या करता है और इनमें सजा का भी प्रावधान है। इतना ही नहीं अगर आप अश्लील वीडियो किसी को भेजते हैं तो वह भी अपराध की श्रेणी में आता है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि भारतीय कानून यह नहीं कहता कि आपको क्या दिखाना है और क्या नहीं, लेकिन कानून यह कहता है कि आपको क्या पब्लिश या ट्रांसमिट नहीं करना है। आईटी एक्ट की धारा 67 में कई सब सेक्शन हैं, जिसके तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है। इसके तहत न केवल जेल की सजा बल्कि जुर्माने का भी प्रावधान है।

क्या कहता है आईटी एक्ट 2000

-सॉफ्ट पोर्न मूवी- अगर कोई भी सॉफ्ट पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज होता है। इसमें तीन साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

-हार्ड पोर्न मूवी- अगर कोई भी हार्ड पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत मामला दर्ज होता है। इसमें पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी- अगर कोई भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को पब्लिश या प्रसारित करता है या उसे सर्च करता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67बी के तहत मामला दर्ज होता है। इसमें पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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