Featured आस्था

हिंदू धर्मशास्त्रों में बसंत पंचमी का विशेष महत्व, मां सरस्वती की होती है विधि विधान से पूजा

maa-saraswati

नई दिल्लीः हिंदू धर्म के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस पर्व का विशेष महत्व है। इस साल यह पर्व 16 फरवरी को मनाया जाएगा। धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने सरस्वती की रचना की थी। क्योंकि सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान ब्रह्माजी ने मनुष्य की रचना की, लेकिन वह बिल्कुल शांत और चेतनाविहीन था।

जिस पर भगवान ब्रह्मा को चिंता हुई और उन्होंने अपने कमंडल से जल से एक स्त्री की रचना की जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यह शक्ति ही माता सरस्वती कहलाईं। माता सरस्वती के वीणा बजाते ही पूरे ब्रह्माण्ड में कंपन हुआ और विद्या का प्रचार हुआ। तब से मां सरस्वती को विद्या की देवी भी कहा जाने लगा। मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का यह त्यौहार पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

अनुष्का ने सोशल मीडिया पर शेयर की बेटी की तस्वीर, नाम...

इस बार बसंत पंचती को 16 फरवरी को है और सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। बसंत पंचमी के दिन पीला कपड़ा पहनने का विधान है। क्योंकि पीला रंग समृद्धि का द्योतक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन से फसलें पकने लगती हैं और सरसों के पौधों पर लगे फूड सोने की तरह चमकने लगते हैं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा भी हल्दी और पीले फूल से ही की जाती है।