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कांग्रेस ने ठुकराया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण, भड़की भाजपा कहा-ये लोग सीजनल हिंदू इनमें…

नई दिल्लीः अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha) का जहां एक तरफ पूरा देश इंतजार कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर राजनीति भी अपने चरम पर है। कांग्रेस पार्टी द्वारा निमंत्रण अस्वीकार करने पर भाजपा ने आक्रामक रुख अपना लिया है।

केंद्रीय मंत्री व भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस वाले सीजनल हिंदू हैं। जब उन्हें लगता है कि उन्हें वोट लेना है तो वे सॉफ्ट हिंदू बनने की कोशिश करते हैं। उनमें अयोध्या जाने की ताकत नहीं है। जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक कांग्रेस में कोई भी अयोध्या नहीं गया।

500 साल के संघर्ष के बाद हो रहा राम मंदिर का निर्माण

वहीं बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है लेकिन कांग्रेस अपनी प्रवृत्ति के मुताबिक काम कर रही है। जवाहरलाल नेहरू ने भी सोमनाथ मंदिर के अभिषेक का बहिष्कार किया था। 24 अप्रैल 1951 को नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र में प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया गया था। फिर इंदिरा के समय में जब 1976 में अयोध्या में राम मंदिर के सबूत सामने आने लगे तो वहां काम रोक दिया गया।

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सोनिया गांधी के समय में राम को काल्पनिक बताया गया था लेकिन राम मंदिर की प्रतिष्ठा कांग्रेस के लिए खुद को बदलने का एक मौका था। सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि ये नेहरू की कांग्रेस है, ये महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। रामराज की प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करना कांग्रेस के भीतर हिंदू धर्म विरोधी भावना को दर्शाता है।

कांग्रेस ने कहा ये BJP-RSS का इवेंट

बता दें कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस ने यह कहते हुए निमंत्रण स्वीकार कर दिया कि यह BJP और RSS का इवेंट है। कांग्रेस का कहना है कि मंदिर अभी पूरी तरह बना नहीं है, इसलिए बीजेपी पहले इसका उद्घाटन कर चुनावी फायदा लेने की कोशिश कर रही है।

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