Bangladesh: शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। वहां की यूनुस सरकार भी इन मामलों पर कोई खास कदम नहीं उठा रही है जिससे इन घटनाओं को रोका जा सके। जबकि दुनिया भर के देशों ने बांग्लादेश के इस रवैये पर सवाल उठाए हैं और वहां की स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी यूनुस सरकार ने ऐसी कोई प्रतिक्रिया या कार्रवाई नहीं की जिससे दुनिया में बांग्लादेश की खराब हो चुकी छवि को सुधारा जा सके। इसके उलट हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं।
Bangladesh: एक और हिंदु युवक की हत्या
ताजा घटना में हमलावरों ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के कारोबारी हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना झलकाठी जिले के रामपुर गांव के बाउकाठी बाजार में हुई। मृतक की पहचान सुधीब हलदर के रूप में हुई है। इस नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से कड़ा सवाल पूछा है कि यह अत्याचार कब रुकेगा।
Bangladesh: हिंदुओं के खिलाफ रची जा रही साजिश
उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, “क्या हम 21वीं सदी में जी रहे हैं या पाषाण युग में? यह सब कब रुकेगा?” मंदिरों पर भी हो रहे हैं हमले हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई मंदिरों पर हमले और मूर्तियों को तोड़ने की घटनाएं भी सामने आई हैं। मैमनसिंह और दिनाजपुर में तीन मंदिरों की कुल आठ मूर्तियां तोड़ी गईं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमात जैसे कट्टरपंथी संगठन बांग्लादेश को पूरी तरह मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए हिंदुओं के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इससे भी गंभीर बात यह है कि इन कट्टरपंथियों को यूनुस सरकार का समर्थन मिल रहा है। इस कारण कानून तोड़ने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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इस्कॉन की कड़ी प्रतिक्रियाइस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए लिखा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए वैश्विक समुदाय को सक्रिय होना चाहिए।
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