नई दिल्लीः पंजाब में इस बार किसकी सरकार बनेगी, इसका पता तो 10 मार्च को चलेगा। इस बीच सीवोटर-एबीपी न्यूज के सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बन सकती है। पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) से जितनी उम्मीदें जताई जा रही थी, पार्टी उस पर खरा नहीं उतर पाई थी और राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही थी। हालांकि इस पर आप की स्थिति काफी मजबूत दिखाई दे रही है और पार्टी प्रदेश में सरकार बनाती नजर आ रही है। जबकि में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन इस बार भी बहुमत हासिल करने में सफल होगा।
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यूपी फिर खिलेगा कमल
दरअसल सोमवार शाम को जारी सीवोटर-एबीपी न्यूज के एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार- पंजाब में आप अब बहुमत के आंकड़े को छूती हुई दिखाई दे रही है। जबकि उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है, जहां कोई भी पार्टी सरकार बना सकती है। सर्वे में सामने आए अंतिम आंकड़ों या टैली के अनुसार, यूपी में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 225 से 237 के बीच सीटें मिल सकती हैं और उसके लिए बहुमत हासिल करने का अनुमान लगाया गया है। भाजपा के लिए प्राथमिक चुनौती माने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाला गठबंधन 139 से 151 सीटें जीत सकता है। वहीं मायावती की बसपा 13 से 21 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। जबकि कांग्रेस पार्टी अपनी यूपी प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में एक उत्साही अभियान के बावजूद, कुछ खास करती दिखाई नहीं दे रही है और उसके महज 4 से 8 सीटों के बीच सिमटने का अनुमान है।
पंजाब में आप की सरकार
सीवोटर-एबीपी न्यूज के एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, आप पंजाब में बहुमत के साथ जीतने के लिए तैयार है, जबकि कांग्रेस उससे बहुत पीछे है। अकाली दल गठबंधन और भाजपा तथा अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाला गठबंधन तीसरे और चौथे स्थान पर रह सकता है। सी-वोटर एबीपी न्यूज के हालिया सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है। सर्वे में मतदान से संबंधित अंतिम परिणामों के अनुसार, आप को पंजाब में 55 से 63 सीटों के बीच मिल सकती है। यह पहली बार पार्टी के लिए बहुमत सुनिश्चित करने वाली सीमा का ऊपरी छोर है। कांग्रेस, जिसने हाल ही में राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री को अपने सीएम उम्मीदवार के रूप में घोषित किया है, 24 से 30 सीटों के अनुमान के साथ बहुमत से बहुत पीछे दिखाई दे रही है।
ऐसा लग रहा है कि बसपा के साथ गठबंधन ने अकाली दल की मदद नहीं की है, जिसने 2007 और 2017 के बीच भाजपा के साथ गठबंधन में पंजाब पर शासन किया था। बसपा-अकाली गठबंधन को चुनावों में 20 से 26 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन चुनावी जीत की तस्वीर में कहीं नजर नहीं आ रहा है, जिसके लिए 3 से 11 सीटों के बीच जीतने का अनुमान है। यदि 10 मार्च को परिणाम घोषित होने पर जनमत सर्वेक्षण के निष्कर्ष सही होते हैं, तो विश्लेषकों ने कांग्रेस के भीतर तीव्र अंदरूनी कलह को दोषी ठहराया है, जो पंजाब की सत्ता आप को एक थाली पर सजाकर दे देगी। यानी अगर कांग्रेस हारती है तो पार्टी का अंदरूनी कलह सबसे बड़ी वजह कहलाएगा। वहीं सर्वे का अनुमान सटीक बैठने पर एक और बड़ी बात यह होने वाली है कि अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की राह पर होंगे।
2017 भाजपा ने बनाई थी सरकार
यदि अनुमान सही रहते हैं, तो 1989 के बाद यह पहली बार होगा, जब कोई पार्टी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सफलतापूर्वक सत्ता बनाए रखने में सफल रहेगी। तीन दशक से अधिक समय में यूपी में भाजपा, सपा और बसपा के बीच सत्ता बदलती हुई देखी गई है। बसपा ने 2007 में बहुमत हासिल किया था, जबकि सपा ने 2012 में ऐसा किया था। 2017 में भाजपा ने भारी जनादेश हासिल किया था। सर्वेक्षण कुछ प्रमुख मुद्दों पर सत्ता विरोधी लहर का संकेत तो देता है, लेकिन यह भाजपा को सत्ता में बने रहने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर 10 मार्च को भगवा पार्टी की जीत होती है तो इससे पार्टी में योगी आदित्यनाथ का कद काफी बढ़ जाएगा।
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