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World Stroke Day: कहीं आप नजरअंदाज तो नहीं कर रहे स्ट्रोक के लक्षण

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नई दिल्लीः आज की जीवनशैली में स्ट्रोक एक आम समस्या बन गई है। हर साल हजारों लोगों की स्ट्रोक से असमय मौत हो जाती है। लेकिन फिर भी कहीं न कहीं लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता कम है। भागदौड़ वाली जिंदगी और अत्यधिक तनाव स्ट्रोक के मुख्य कारण हैं। इसे मस्तिष्क घात भी कहते हैं।

विश्व स्ट्रोक दिवस हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को इस मानसिक स्थिति के बारे में जागरूक करना और इससे बचाव के उपाय भी बताना है। विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार स्ट्रोक का खतरा हर चार व्यक्तियों में से एक को होता है। इसलिए इस बार की थीम “Minutes can save lives” रखी गयी है।

छोटी-छोटी बातों में तलाशें खुशियां -

इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि भाग दौड़ की जिंदगी में लोग काफी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे में उनको स्ट्रोक होने का जोखिम और अधिक है। इसलिए स्ट्रोक के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। तनाव से दूर रहे और जीवन में छोटी-छोटी बातों में खुशियां तलाशें। कम से कम आधे से अधिक स्ट्रोक्स को लोगों में पर्याप्त जागरूकता पैदा कर रोका जा सकता है। इसके लिए आप किसी भी अस्पताल में नियमित जांच करवा सकते हैं।

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क्या है स्ट्रोक?

जब रक्त वाहिका नलिकायें किसी रुकावट या रिसाव के कारण मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति नहीं कर पाती हैं तो ऐसी स्थिति को स्ट्रोक कहते है। इसको मस्तिष्क आघात के नाम से भी जाना जाता है। स्ट्रोक्स के लक्षणों को ‘फास्ट’ के माध्यम से आसानी से पहचाना जा सकता है -

  • फेसः किसी व्यक्ति के मुस्कुराने पर उसका चेहरा एक तरफ लटक रहा है तो उसे स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
  • आर्मः किसी व्यक्ति द्वारा दोनों हाथों को उठाने पर एक हाथ का न उठ पाना या गिर जाना।
  • स्पीचः यदि किसी व्यक्ति द्वारा साधारण शब्द बोलने पर उसकी आवाज में लडख़ड़ाहट होना।
  • टाइम टू एक्शनः यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण है तो एम्बुलेंस के लिए आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।

कैसे बचा जा सकता है स्ट्रोक से?

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उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करके-

स्ट्रोक्स के लगभग आधे से ज़्यादा मामले उच्च रक्तचाप से जुड़ें होते हैं। इसलिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

सप्ताह में पांच बार व्यायाम करने से -

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स्ट्रोक्स के एक तिहाई से अधिक मामले उन लोगों में होते हैं, जो कि नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं। इसलिए सप्ताह में पांच बार 20 से 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।

स्वस्थ और संतुलित आहार खाना से -

लगभग एक चैथाई स्ट्रोक्स के मामले असंतुलित आहार विशेषकर फलों एवं सब्जियों के कम सेवन करने से जुड़े होते हैं। इसलिए खाने में फल एवं सब्जियों को भी संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए साथ ही स्ट्रोक्स का ज़ोखिम कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए।

संतुलित वज़न बनाए रखना -

लगभग 5 में से 1 स्ट्रोक मोटापे से जुड़ा होता है। इसलिए व्यायाम एवं उचित खानपान के माध्यम से वज़न को नियंत्रित रखना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल कम करनाः चार में से एक से ज़्यादा स्ट्रोक के मामले उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े होते हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

धूम्रपान से दूरी बनाकर -

World No Tobacco Day

धूम्रपान रोकने से स्ट्रोक का जोखिम कम होता है, इसलिए धूम्रपान से दूरी बनाकर रखना चाहिए।

अल्कोहल से दूरी बनाकर -

प्रतिवर्ष एक मिलियन से अधिक स्ट्रोक अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से जुड़ें है। इसलिए अल्कोहल का सेवन कम करने से स्ट्रोक के ज़ोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

मधुमेह को नियंत्रित करके -

Blood sugar

मधुमेह को नियंत्रित करके स्ट्रोक्स का जोखिम कम किया जा सकता है क्योंकि मधुमेह से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित है, तो मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए उपचार और जीवनशैली बदलाव के बारे में अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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