नई दिल्ली: देश में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए भारत को जल्द ही 4 नई वैक्सीन मिल सकती हैं। अभी देश में सिर्फ दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन आज एक्सपर्ट कमेटी ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन की भी मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि देश के कई हिस्सों से वैक्सीन की कमी होने की खबरें भी आने लगी हैं। ऐसे में अगर देश को कोरोना की 5 और वैक्सीन मिल जाती हैं, तो इससे कोरोना जैसी बीमारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को और गति मिल सकेगी।
स्पूतनिक-वी के इस्तेमाल को मिली मंजूरी
कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी के इस्तेमाल लिए सोमवार को एक्सपर्ट कमेटी की एक बैठक हुई। सूत्रों के हवाले से अब जानकारी आ रही है कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार इस साल जुलाई से शुरू होने वाली तिमाही में कोरोना की पांच और वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो सकता है। इन वैक्सीन में बायोलॉजिकल-ई के सहयोग से बन रही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन, सीरम इंडिया के सहयोग से तैयार की जा रही नोवावैक्स वैक्सीन, जायडस कैडिला वैक्सीन और भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि फिलहाल देश में कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार कोविड- 19 वायरस पर काबू पाने के लिए करीब 20 वैक्सीन पर अलग अलग क्लीनिकल और प्री क्लीनिकल ट्रायल चलाया जा रहा है। सभी क्लीनिकल ट्रायल सकारात्मक परिणाम के साथ पूरे होने के बाद उसे नियमित वैक्सीनेशन की भी अनुमति मिल जाएगी। इस वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने भारत की कई फार्मा कंपनियों के साथ अग्रिम अनुबंध भी कर लिया है। ताकि सभी ट्रायल्स का परिणाम आने और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद बड़े पैमाने पर इस वैक्सीन का उत्पादन किया जा सके।
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मंत्रालय से मिली जानकारियों के मुताबिक स्पूतनिक वी के बाद अब जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को भी अगस्त तक मंजूरी मिल सकती है। इसी तरह अगस्त में ही जायडस कैडिला का टीका भी आ सकता है। नोवावैक्स को सितंबर तक और भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन को अक्टूबर तक भारत में टीकाकरण की अनुमति मिल सकती है।