Home विशेष किसानों की तकदीर बदल रहा ‘एप्पल बेर’

किसानों की तकदीर बदल रहा ‘एप्पल बेर’

आईपीके, लखनऊः प्रदेश के किसान अब परंपरागत खेती को दरकिनार कर एप्पल बेर की खेती में रुचि दिखा रहे हैं। इसकी खेती किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा दे रही है। इसके साथ ही सरकार भी इस पर अनुदान देकर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। यही वजह है कि एप्पल बेर की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।

उदाहरण के तौर पर फिरोजाबाद जनपद वैसे तो आलू और गेहूं की खेती के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से यह फसलें किसानों के लिए फायदे जैसी नहीं हैं। इससे किसानों का रुझान अब दूसरी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहा है। फिरोजाबाद के किसान अब एप्पल बेर की खेती में रुचि दिखा रहे हैं। करीब 3 साल पहले महज 5 किसानों ने इसकी खेती की शुरुआत की थी, आज इसकी खेती करने वाले किसानों की संख्या दर्जनों में है। किसानों का कहना है कि करीब 3 साल पहले उद्यान विभाग के अधिकारियों ने उन्हें एप्पल बेर की खेती के बारे में जानकारी दी। उसके बाद उन्होंने अपने खेत में इसे लगाने का निर्णय किया। यह बेर साधारण बेर से बिल्कुल अलग होता है। साधारण बेर छोटा होता है, लेकिन यह बेर कम से कम 50 ग्राम वजन का होता है।

किसानों का मानना कि पेड़ों पर फल आए हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह तक यह पककर बिक्री के लिये तैयार हो जाएंगे। इस खेती से करीब एक लाख रुपया प्रति बीघा का मुनाफा कमाते हैं, इसलिए वह अन्य किसानों को भी इसकी बागवानी करने की सलाह देते हैं। उद्यान अधिकारी किसानों को एप्पल बेर की खेती करने की सलाह देते हैं। इस बागवानी को प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के तहत ढाई लाख रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान भी दे रही है। इस बागवानी में बढ़ते मुनाफे का ही नतीजा है कि 3 साल पहले केवल 5 किसानों ने ही एप्पल बेर के बाग लगाए थे। अब ऐसे किसानों की संख्या बढ़कर 50-60 हो गयी है। उद्यान अधिकारी का मानना है कि इस बागवानी के जरिए किसान 4-5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की आमदनी कर सकता है। राजधानी के भी कई इलाकों में किसानों ने एप्पल बेर की खेती शुरू कर दी है। इसकी मांग अधिक होने की वजह से किसानों को इसमें मोटा मुनाफा भी मिलता है।

लखनऊ की मंडी में भी फल की भरमार

एक साल के बाद बेर का एक पेड़ 50-100 किलो फल देता है। ये बेर खाने में सेब जैसे लगते हैं। दिखने में भी सेब जैसे होते हैं। यह पौधा लगभग 50 साल तक आमदनी देता है। यह लम्बी उम्र वाला पौधा है। इसके फल राजधानी लखनऊ की मंडियों में खूब बिक रहे हैं और लोगों को यह पसंद भी आ रहे हैं।

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सरकार दे रही बढ़ावा

इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में शुरुआत कर दी गई है। इससे किसानों को आसानी से बीज उपलब्ध हो सकेंगे। इसका प्रचार-प्रसार तेजी से किया जा रहा है।

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