नई दिल्लीः राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान अपनी सदस्यता से इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा, “मेरे प्रांत (पश्चिम बंगाल) में हिंसा हो रही है। मैं आज इस्तीफा दे रहा हूं, देश और बंगाल के लिए हमेशा काम करता रहूंगा।”
राज्यसभा में दोपहर करीब 1.31 मिनट पर पांच मिनट के लिए बोलने के लिए उठे तृणमूल सांसद ने कहा, “हर मनुष्य के जीवन में घड़ी आती है जब उसे अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुननी पड़ती है। मेरे जीवन में भी यह घड़ी आई है। आत्मा की आवाज कह रही है। यहां बैठे-बैठे चुप-चाप मत रहो। यहां से त्यागपत्र दो। मैं आज इस्तीफा दे रहा हूं, देश और बंगाल के लिए हमेशा काम करता रहूंगा।”
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने त्रिवेदी को सलाह दी कि इस्तीफा देने की भी एक प्रक्रिया होती है और उन्हें सभापति के समक्ष अपना त्यागपत्र देना चाहिए। त्रिवेदी ने कहा कि रेलमंत्री रहते हुए भी उनके सामने ऐसी ही घड़ी आई थी। पार्टी की मर्यादा के चलते वह बहुत कुछ नहीं कर पा रहे हैं और उनसे बंगाल की स्थिति देखी नहीं जा रही । उधर अत्याचार हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिनेश त्रिवेदी का राज्यसभा कार्यकाल सितंबर 2020 में ही शुरू हुआ है। उनके बयान से ऐसा लगता है कि वह अपनी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। उनके भाजपा में भी जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
कौन हैं सांसद दिनेश त्रिवेदी
1980 में कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक सफर शुरू करने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने 1998 में तृणमूल का हाथ थामा था। ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी का पहला महासचिव भी नियुक्त किया था। टीएमसी में आने से पहले वह 1990 से 96 तक गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे। इसके बाद टीएमसी ने पश्चिम बंगाल से उन्हें राज्यसभा भेजा और वह 2002 से 2008 तक सांसद बने रहे।
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2009 के लोकसभा चुनाव में दिनेश त्रिवेदी बैरकपुर सीट से लड़े और जीते थे। 2009 में उन्हें केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया। ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद दिनेश त्रिवेदी को 13 जुलाई 2011 को देश का रेल मंत्री बनाया गया था। पिछले ही साल दिनेश त्रिवेदी को तृणमूल कांग्रेस ने फिर एक बार राज्यसभा भेजा था।