परिवहन मंत्री का ऐलान- 2 साल में पेट्रोल वाहनों के बराबर होंगे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के दाम

नई दिल्लीः केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि आने वाले समय में सरकार की योजना देश भर में 50 हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने की है। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी सस्ते किराये में वातानुकूलित बसों में यात्रा कर सकेगा। इससे राज्य परिवहन को घाटा भी नहीं होगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को लेकर पूछे गये प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बहुत बढ़ रही है। कुल मिलाकर ईवी पैमाने में 335 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन में 607 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक तिपहिया में 150 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक चौपहिया में 300 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक बसों में 30 प्रतिशत मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों की औसत प्रतीक्षा अवधि 8-10 महीने हो गई है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि बड़े पैमाने पर इनकी बिक्री बढ़ रही है। मंत्री ने कहा कि आयात निर्भरता और प्रदूषण को कम करने के लिए वर्ष 2030 तक एक करोड़ (10 मिलियन) ईवी आने की उम्मीद है।

गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी विश्व का सबसे बड़ा 5,500 इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर निकाला है। उसमें पहली बार केरल में 250 बसें दी गई हैं और आने वाले समय में देश भर में 50,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी एयर कन्डीशन बसों में घूमेगा और टिकट का मूल्य भी कम होगा। इससे राज्य परिवहन का घाटा भी नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि 2018 में लिथियम ऑयन बैटरी की कीमत 180 डॉलर प्रति किलो वाट ऑवर थी, 2021 में 140 डॉलर प्रति किलो वाट ऑवर हुई और 2022 में 135 डॉलर प्रति किलो वाट ऑवर हुई। उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि दो साल के अंदर ईवी की मोटरगाड़ी और दोपहिया वाहनों की कीमतें पेट्रोल वाहनों के बराबर होंगी क्योंकि इसकी लागत कम हो जाएगी।

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मंत्री ने कहा कि सरकार बैटरी की अदला-बदली (स्वैपिंग) नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन और फ्लैक्स इंजन के साथ इथेनॉल इलेक्ट्रिक से आयात पर अंकुश लगाने और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और नए रोजगार भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हम देश भर में चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। एनएचएआई में सड़क पर 650 चार्जिंग स्टेशन बना रहे हैं। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों और पार्किंग स्थानों पर भी इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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