लखनऊः पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय भारत सरकार व गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन और डीजीपी कार्यालय से समस्त सम्बन्धित अभिलेख मांगे हैं। इन तीनों को भेजे अपने पत्र में अमिताभ ने लिखा है कि वे भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के आदेश से पूर्णतया असहमत हैं तथा इसे गलत समझते हैं।
उन्होंने कहा कि यह आदेश मात्र पूर्वाग्रह में पारित किया गया है, जिससे उनके दोनों अध्ययनरत बच्चों सहित उनका पूरा परिवार दुष्प्रभावित हुआ है। श्री ठाकुर ने कहा कि वे इस निर्णय को चुनौती देना चाहते हैं, लेकिन इससे पहले वे उन तथ्यों एवं कारणों को जानना चाहते हैं, जिनके आधार पर यह निर्णय किया गया। उन्होंने कहा कि ये राष्ट्र की संप्रभुता से जुड़े अभिलेख नहीं हैं और एक आदर्श नियोक्ता के रूप में सरकार से अपेक्षित है कि वे इन अभिलेखों को उपलब्ध कराए।
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उन्होंने कहा कि सम्भव है कि उन अभिलेखों को देखने के बाद उन्हें लगे कि सरकार के पास ऐसा निर्णय करने के पर्याप्त आधार थे और वे इस सम्बन्ध में कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करें, जिससे अनावश्यक कानूनी मुकदमों से बचत हो जाएगी। इसलिए अमिताभ ठाकुर ने पत्र की प्राप्ति के सात दिवस में सभी सम्बन्धित अभिलेख देने का अनुरोध किया है।