Home दुनिया अल जवाहिरी की आदत बनी उसकी मौत का कारण

अल जवाहिरी की आदत बनी उसकी मौत का कारण

वाशिंगटनः अल-कायदा के सरगना के तौर पर एक सप्ताहत तक आतंक का चेहरा रहे अयमान अल-जवाहिरी की बालकनी में बैठने की आदत उसकी मौत का कारण बनी। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को अमेरिकी ड्रोन से दो हेलफायर मिसाइलों की फायरिंग ने जवाहिरी के साथ उसके आंतक के साम्राज्य को समाप्त कर दिया।

जानकारी के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने अल-जवाहिरी की पनाहगाह का मॉडल तैयार कर उसे व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में राष्ट्रपति जो बाइडन के समक्ष पेश किया था। उन्हें पता था कि अल-जवाहिरी अक्सर अपने घर की बालकनी में बैठता है। एक अधिकारी के मुताबिक जब मिसाइलों ने उड़ान भरी, तब अधिकारियों को यकीन था कि अल-कायदा सरगना बालकनी में होगा।

अल-जवाहिरी अमेरिका में 9/11 को हुए आतंकी हमले के षड्यंत्रकारियों में शामिल था। मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील के खुफिया अभियान में ओसामा बिना लादेन के मारे जाने तक वह अल-कायदा में नंबर दो की हैसियत रखता था। अल-कायदा सरगना के ठिकाने का सुराग मिलने के बाद बाइडन ने कहा था कि अल-जवाहिरी और उसके सहयोगियों तक पहुंचने के लिए खुफिया अधिकारियों द्वारा चार राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में किया गया प्रयास रंग लाया।

हक्कानी नेटवर्क के सहयोग से अल-जवाहिरी का परिवार पिछले साल इस घर में तब रहने पहुंचा था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान की हुकूमत अपने हाथों में ले ली थी। अधिकारियों ने बताया कि अल-जवाहिरी के ठिकाने का सुराग मिलना काफी नहीं था, उसकी पहचान की पुष्टि करना, भीड़भाड़ वाले इलाके में ऐसे हमले की योजना बनाना, जिसमें आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे और यह सुनिश्चित करना कि अभियान से अमेरिका की अन्य प्राथमिकताओं को झटका न लगे, बेहद अहम था और यही कारण है कि इसमें महीनों का समय लग गया।

अधिकारियों के मुताबिक, बाइडन ने अधिकारियों को ऐसे हवाई हमले का खाका तैयार करने का निर्देश दिया था, जिसमें दोनों मिसाइलें सिर्फ अल-जवाहिरी की पनाहगाह की बालकनी को निशाना बनाएं और इमारत के अन्य हिस्सों में मौजूद लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अल-जवाहिरी को कई मौकों पर लंबी अवधि के लिए उस बालकनी में देखा गया था, जहां उसकी मौत हुई। अधिकारी के अनुसार, कई स्तर पर मिली खुफिया जानकारियों ने अमेरिकी विश्लेषकों को उसकी मौजूदगी के प्रति आश्वस्त किया।

Exit mobile version