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राजनाथ सिंह बोले- सेनाओं के साथ रक्षा उद्योग को भी ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की जरूरत

नई दिल्लीः डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 1.0 (डीआईएससी) शुरू होने के तीन साल बाद गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0 शुरू किया। इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आई-डेक्स) और डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (डीआईओ) की ओर से शुरू किये गए डीआईएससी 5.0 से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों को एक मंच मिलेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि न केवल मजबूत, आधुनिक और सुसज्जित सेनाएं बल्कि साथ ही अपने रक्षा उद्योग को भी तैयार किये जाने की जरूरत है जो मजबूत, काबिल और पूरी तरह ‘आत्मनिर्भर’ भी हो। आज पूरी दुनिया का सुरक्षा परिदृश्य बड़ी तेजी से बदल रहा है। इसकी वजह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां भी बढ़ भी रही हैं। विश्व की भू-राजनैतिक परिस्थितियों में लगातार परिवर्तन आ रहे हैं। जिस समय हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, उस समय स्वदेशी तकनीकों और नवाचार को समर्पित ‘डीआईएससी-5.0’ की लांचिंग करके हम रक्षा क्षेत्र में स्वाधीनता की ओर एक और कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

आई-डेक्स विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहयोग की निगरानी के लिए ‘अम्ब्रेला’ संगठन के रूप में कार्य करता है। डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0 ज्यादा चुनौतियों के साथ आई-डेक्स रक्षा नवाचार में नई क्षमताओं को विकसित करने के लिए देश की मजबूत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान प्रतिभा का उपयोग करने में सक्षम है। डीआईएससी 5.0 में इससे पहले वाले चार डीआईएससी संस्करणों की तुलना में अधिक चुनौतियां होंगी।

रक्षा उत्पादन सचिव राज कुमार के अनुसार आई-डेक्स को सैन्य युद्ध में नवीनतम तकनीक को शामिल करने के लिए डिजाइन किया गया है जो आयात पर निर्भरता को कम करता है। निकट भविष्य में सैन्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए सेनाओं और इससे जुड़े डीपीएसयू ने समस्या विवरण तैयार किए हैं। विजेताओं को आई-डेक्स से 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलता है, साथ ही अंतिम उपयोगकर्ताओं को पार्टनर इन्क्यूबेटरों से समर्थन और नोडल अधिकारियों से मार्गदर्शन मिलता है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि डीआईएससी 5.0 शुरू होने से भारत की रक्षा प्रौद्योगिकियों, उपकरण डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को विकसित करने में काफी मदद मिलेगी। ये चुनौतियां स्टार्टअप्स को नई अवधारणाओं के प्रति अधिक अभ्यस्त होने और भारत के नवोदित उद्यमियों में रचनात्मक सोच के दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। डीडीपी के अतिरिक्त सचिव और डीआईओ के सीईओ संजय जाजू ने कहा कि आई-डेक्स प्रक्रिया ने भारतीय स्टार्टअप के लिए उनके काम को दिखाने के अलावा एक नया पारिस्थितिकी तंत्र खोल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे इन संस्थाओं को विश्वसनीयता बनाने और विदेशी अनुबंधों को भी कम करने में मदद मिलेगी।

प्रवक्ता के अनुसार आई-डेक्स रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी-2020) के तहत एक अधिग्रहण मंच के रूप में कार्य करता है। रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए आई-डेक्स पहल के माध्यम से घरेलू खरीद के लिए कुल 1,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। हाल ही में रक्षा मंत्री ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में 300 से अधिक स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए 498.8 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी। इन घोषणाओं ने युवा उद्यमियों के असंख्य नवाचारों और उत्पादों के लिए घरेलू खरीद का आश्वासन प्रदान किया है, जबकि भारत के रक्षा क्षेत्र को 2025 तक 5-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि न केवल मजबूत, आधुनिक और सुसज्जित सेनाएं बल्कि साथ ही अपने रक्षा उद्योग को भी तैयार किये जाने की जरूरत है जो मजबूत, काबिल और पूरी तरह ‘आत्मनिर्भर’ भी हो। आज पूरी दुनिया का सुरक्षा परिदृश्य बड़ी तेजी से बदल रहा है। इसकी वजह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां भी बढ़ भी रही हैं। विश्व की भू-राजनैतिक परिस्थितियों में लगातार परिवर्तन आ रहे हैं। जिस समय हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, उस समय स्वदेशी तकनीकों और नवाचार को समर्पित ‘डीआईएससी-5.0’ की लांचिंग करके हम रक्षा क्षेत्र में स्वाधीनता की ओर एक और कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

आई-डेक्स विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहयोग की निगरानी के लिए ‘अम्ब्रेला’ संगठन के रूप में कार्य करता है। डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0 ज्यादा चुनौतियों के साथ आई-डेक्स रक्षा नवाचार में नई क्षमताओं को विकसित करने के लिए देश की मजबूत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान प्रतिभा का उपयोग करने में सक्षम है। डीआईएससी 5.0 में इससे पहले वाले चार डीआईएससी संस्करणों की तुलना में अधिक चुनौतियां होंगी।

रक्षा उत्पादन सचिव राज कुमार के अनुसार आई-डेक्स को सैन्य युद्ध में नवीनतम तकनीक को शामिल करने के लिए डिजाइन किया गया है जो आयात पर निर्भरता को कम करता है। निकट भविष्य में सैन्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए सेनाओं और इससे जुड़े डीपीएसयू ने समस्या विवरण तैयार किए हैं। विजेताओं को आई-डेक्स से 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलता है, साथ ही अंतिम उपयोगकर्ताओं को पार्टनर इन्क्यूबेटरों से समर्थन और नोडल अधिकारियों से मार्गदर्शन मिलता है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि डीआईएससी 5.0 शुरू होने से भारत की रक्षा प्रौद्योगिकियों, उपकरण डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को विकसित करने में काफी मदद मिलेगी। ये चुनौतियां स्टार्टअप्स को नई अवधारणाओं के प्रति अधिक अभ्यस्त होने और भारत के नवोदित उद्यमियों में रचनात्मक सोच के दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। डीडीपी के अतिरिक्त सचिव और डीआईओ के सीईओ संजय जाजू ने कहा कि आई-डेक्स प्रक्रिया ने भारतीय स्टार्टअप के लिए उनके काम को दिखाने के अलावा एक नया पारिस्थितिकी तंत्र खोल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे इन संस्थाओं को विश्वसनीयता बनाने और विदेशी अनुबंधों को भी कम करने में मदद मिलेगी।

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प्रवक्ता के अनुसार आई-डेक्स रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी-2020) के तहत एक अधिग्रहण मंच के रूप में कार्य करता है। रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए आई-डेक्स पहल के माध्यम से घरेलू खरीद के लिए कुल 1,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। हाल ही में रक्षा मंत्री ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में 300 से अधिक स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए 498.8 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी। इन घोषणाओं ने युवा उद्यमियों के असंख्य नवाचारों और उत्पादों के लिए घरेलू खरीद का आश्वासन प्रदान किया है, जबकि भारत के रक्षा क्षेत्र को 2025 तक 5-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाया है।

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