चंडीगढ़: पंजाब के किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। किसानों ने 15 नवंबर से सभी टोल प्लाजा बंद करने का ऐलान किया है। उत्तर भारत के 20 किसान संगठनों ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, जरनैल सिंह कालेके और अमरजीत सिंह मोहरी ने सोमवार को कहा कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। कुछ मांगें केंद्र से संबंधित हैं तो कुछ राज्य सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने बताया कि 23 और 24 अक्टूबर को सरकार का पुतला जलाकर दशहरा मनाया जायेगा। किसान नेताओं की मांग है कि सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद और सभी फसलों के दाम सुनिश्चित करने के लिए गारंटी कानून बनाया जाए। इसका निर्णय स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार होना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत श्रमिकों को 200 दिन का रोजगार दिया जाए। नशीली दवाओं पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली मार्च के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस रद्द किए जाएं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय मिलना चाहिए। किसान नेताओं के मुताबिक चार सदस्यीय कमेटी ने जगजीत सिंह डल्लेवाल के संयुक्त किसान मोर्चा, गैर राजनीतिक मोर्चा और 32 किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया है।
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