नई दिल्लीः कार्तिक मास धार्मिक कार्यो के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत मंगलवार को मनाया जा रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह द्वादशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। इस माह प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ा है। इसलिए आज के दिन को भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है। भौम प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों पर भगवान शिव के साथ ही भगवान हनुमान जी की भी कृपा दृष्टि बनी रहती है।
भौम प्रदोष व्रत का मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 16 नवंबर को सुबह 10.31 मिनट से शुरू होकर, 17 नवंबर को दिन में 12.20 मिनट तक रहेगी। इस दिन मंगलवार होने के कारण भौम प्रदोष का भी संयोग बना है।
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भौम प्रदोष व्रत का महत्व
भौम प्रदोष व्रत करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सभी कष्ट दूर होते है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है ऐसे में आज के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से भक्त को भगवान शिव और बजरंगबली की कृपा प्राप्त होगी। हिंदू मान्यताओं के अनुसार आज के दिन भगवान हनुमान के समक्ष घी की नौ बाती वाला दीपक जलाने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही हर तरह के कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। वहीं भक्त पर भगवान शिव और हनुमान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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