Mayawati, लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी हलचलें भी तेज होती जा रही हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर के राजनीतिक दल एक्टिव हो गए हैं। वहीं यूपी में भी सियासी पारा जनवरी की ठंड में भी हाई हो गया। सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है।
जानें अखिलेश ने क्या कुछ कहा-
पहले जहां इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर रविवार को दोनों के बीच विवाद हुआ तो वहीं सोमवार को बीएसपी कार्यालय के सामने बने पुल पर तकरार हुई। एक ओर जहां मायावती ने पुल को अपने लिए खतरा बताया तो वहीं अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि बाबा (सीएम योगी) के पास बुलडोजर है, उनसे कहो पुल गिरवा दे। अखिलेश ने यह भी कहा कि वह पुल बहुत महत्वपूर्ण था। वहां काफी ट्रैफिक जाम रहता था। कुछ लोग पुल के खिलाफ साजिश रचने में लग गये हैं। वह पुल रेलवे और सेना की एनओसी से बनाया गया है।
ये भी पढ़ें..मायावती को हमले की आशंका, कहा- ‘सपा मेरे साथ कुछ भी कर…’ योगी सरकार से लगाई मदद की गुहार
इस दौरान अखिलेश यादव ने बीजेपी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब भी वास्तविक मुद्दों पर चर्चा होती है तो भाजपा के लोग जवाब नहीं दे पाते हैं। जब आप बीजेपी से नौकरियों के बारे में बात करते हैं तो वे मंदिर के पीछे छिप जाते हैं। इंडिया गठबंधन और कांग्रेस को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम चाहते हैं कि गठबंधन मजबूत हो। अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इंडिया गठबंधन के लिए नहीं है, यह सिर्फ कांग्रेस की यात्रा है।
मायावती ये कहकर फैला दी थी सनसनी
बता दें कि मायावती ने सोमवार सुबह यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि पुल से उनकी जान को खतरा है। मायावती ने यहां तक कहा कि उन्हें दफ्तर के बजाय घर पर बैठकें करने के लिए मजबूर किया गया। मायावती ने कहा कि षडयंत्रकारी अराजक तत्व पार्टी कार्यालय, कर्मचारियों और उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर बताया था कि इसी डर के चलते महापुरुषों की मूर्तियां वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के आवास पर शिफ्ट करनी पड़ीं। मायावती ने योगी सरकार से बसपा कार्यालय के लिए कोई अन्य सुरक्षित जगह उपलब्ध कराने की भी मांग की है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)