लखनऊः लोकसभा चुनाव के चलते उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार जनता को बरगलाने के लिए रोजाना प्रस्तावित योजनाओं की घोषणा कर रही है। जबकि सच्चाई यह है कि सवा छह साल में अब तक जनहित में एक भी योजना कार्यान्वित नहीं हुई हैं। भाजपा सरकार की अब पोल खुल चुकी है। जनता भाजपा के झूठ के फेर में आने वाली नहीं है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव कैबिनेट से पास किए हैं। उनके दावे तो यह भी है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि जो पहले से मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं उनमें भी दवा, इलाज का उचित प्रबन्ध नहीं है। 700 से ज्यादा डॉक्टरों का कोई अता पता नहीं हैं। प्रतिष्ठित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और पीजीआई से विशेषज्ञ डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं। संविदा पर भी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाराज में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। अस्पतालों में मरीज इलाज के अभाव में मर रहे हैं। दवाएं नहीं मिल रही हैं। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है। कोरोना संक्रमण काल में तो भाजपा सरकार ने लोगों को मरने के लिए खुला छोड़ दिया था। वेंटीलेटर, आक्सीजन की भारी कमी के चलते लोगों की जानें चली गई थी। लाशें जलाने का ठौर नहीं रहा। गंगा में लाशें तैरती दिखी थी। आज भी तीमारदार अपने बीमार परिजनों को लादे हुए इलाज के लिए भटक रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि मेडिकल पढ़ाई के लिए समाजवादी सरकार में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई थी। एम्स के लिए जमीन दी गई थी। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई थी। भाजपा राज में लोहिया संस्थान के एमबीबीएस के पहले बैच में 150 दाखिले हुए लेकिन संस्थान को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मानकों में कमी पर मान्यता नहीं दी। जब छात्रों ने हंगामा किया तब 2017 बैच को मान्यता हाथों हाथ मिल गई थी।
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