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Milkipur election: अखिलेश के माथे पर चिंता की लकीर, टूट सकता है गठबंधन

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Ayodhya : मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में बिखराव शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भले ही मिल्कीपुर सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट देने का संकेत दिया हो। लेकिन ईडी गठबंधन की प्रमुख सहयोगी कांग्रेस की भी नजर मिल्कीपुर सीट पर है।

कांग्रेस पार्टी ने पेश की दावेदारी

कांग्रेस भी मिल्कीपुर में अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रही है। कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव की मानें तो मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस पार्टी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। करीब आधा दर्जन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव को लड़ने के लिए पार्टी में अपनी दावेदारी पेश की है।

सपा मुखिया Akhilesh Yadav के सामने बड़ा संकट

हालांकि इंडिया गठबंधन में अभी यह तय नहीं हो पाया है कि उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में किस पार्टी को मंडल में कितनी सीटें मिलने वाली हैं, लेकिन अयोध्या की हॉट सीट मानी जाने वाली मिल्कीपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी की एक सीट की मांग ने सपा मुखिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। सपा मुखिया पहले ही मिल्कीपुर सीट सांसद अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) को देने का संकेत दे चुके हैं।

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वहीं, कांग्रेस की मिल्कीपुर सीट की मांग ने अखिलेश यादव के माथे पर बल ला दिया है। अखिलेश यादव के सामने आगे कुंआ और पीछे खाई वाली दुविधा है। वह तय नहीं कर पा रहे हैं कि गठबंधन के सिद्धांतों पर चलें या पार्टी के वरिष्ठ नेता से किया वादा निभाएं। ऐसे में मिल्कीपुर सीट कांग्रेस के खाते में जाने पर अवधेश प्रसाद का क्या होगा। ऐसे में अवधेश प्रसाद को धीरे-धीरे बड़ा झटका लग सकता है।

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