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अकाली दल ने की कृषि अध्यादेशों को टालने की अपील, जानें क्या है मामला

AKALI DAL

चंडीगढ़ः विवाद के डर से केंद्र सरकार के साथ गठबंधन वाले अकाली दल ने तीन केन्द्रीय कृषि अध्यादेशों को संसद में मंजूरी के लिए पेश न करने की अपील की है। अकाली दल का मानना है कि जब तक कि सभी किसान संगठन द्वारा मांग किए गए आरक्षणों को विधिवत संबोधित नहीं किया जाता है, तब तक इन अध्यादेशों को पेश न किया जाए। यह निर्णय शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर बादल की अध्यक्षता में लिया गया।

शनिवार शाम को पार्टी ने एक बयान में कहा कि कोर कमेटी को लगता है कि 'अन्नदाता' को आरक्षण दिलाना उसकी जिम्मेदारी है और वह किसानों के लिए उठाए गए सभी मुद्दों के लिए भी प्रतिबद्ध है।

समिति ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने किसान संगठनों, किसान प्रतिनिधियों और 'खेत मजदूर' के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इसमें कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी खेती के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया।

बयान में कहा गया कि सभी का मानना है कि केंद्र सरकार को तीनों केंद्रीय अध्यादेशों को पारित करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बादल ने कमेटी को बताया कि अपने राज्य के किसानों के साथ-साथ आस-पास के राज्यों के कृषि संगठनों ने भी उनसे संपर्क किया था। उन सभी ने इन अध्यादेशों को लेकर आशंका व्यक्त करते हुए उनसे केंद्रीय नेतृत्व के साथ शिकायतों को उठाने का आग्रह किया था। ऐसे में एसएडी का मानना है कि केंद्र को इन पर विचार करना चाहिए।

एसएडी के अध्यक्ष ने कहा, "सरदार प्रकाश सिंह बादल भारत के किसानों के निर्विवाद नेता हैं। उन्होंने हमेशा किसान समुदाय के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। इसलिए उनके नेतृत्व में हम अपनी बात केन्द्र सरकार के सामने रखेंगे।"

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बता दें कि ये ऑर्डिनेंस (अध्यादेश)- फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैलिसिटेशन) ऑर्डिनेंस, द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस अश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस ऑर्डिनेंस और द इसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस हैं।