Saturday, November 23, 2024
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कृषि मंत्री का दावा, पराली जलाने की घटनाएं 60 फीसदी हुई कम, प्रबंधन को लेकर हुई बैठक

Haryana: फसल अवशेष जलाने की घटनाओं व उसके प्रबंधन को लेकर आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में चार राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व दिल्ली के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई। इस बैठक में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन व डेयरी तथा मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने रोहतक जिले से भाग लिया।

विभिन्न तरीकों से किसानों को किया जागरुक

बैठक में हरियाणा व अन्य तीन राज्यों में पिछले वर्ष व चालू वर्ष में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं के बारे में चर्चा की गई। श्याम सिंह राणा ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में पिछले वर्ष की तुलना में प्रदेश में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है, जिसका श्रेय हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को जाता है। राज्य सरकार द्वारा ग्राम स्तर, खंड स्तर, जिला स्तर, स्कूली कार्यक्रमों, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक किया गया तथा उन्हें पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन राशि व सब्सिडी पर कृषि उपकरण भी उपलब्ध करवाए गए।

पराली को लेकर लेकर सरकार अलर्ट

उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के किसान पराली को न जलाएं तथा खेत में व खेत के बाहर उसका प्रबंधन करें तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है तथा मिट्टी में कार्बनिक तत्वों की मात्रा भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी किसान हैं तथा उन्होंने स्वयं भी अपने खेत में कृषि उपकरणों के माध्यम से पराली को मिट्टी में मिलाकर उसका प्रबंधन किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर हरियाणा सरकार पूरी तरह से सतर्क है तथा राज्य सरकार गांव स्तर, खंड स्तर व जिला स्तर की टीमों के माध्यम से पूरी निगरानी रख रही है।

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प्रतिदिन गांव में जागरूकता शिविर लगाकर किसानों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को आश्वस्त किया कि भविष्य में कृषि विभाग व जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए और अधिक अथक प्रयास किए जाएंगे। यदि कोई भी किसान जाने-अनजाने में पराली को आग लगाता है तो आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उन पर जुर्माना लगाने, एफआईआर दर्ज करने तथा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा में रेड एंट्री करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

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