Wednesday, October 16, 2024
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तीन साल बाद पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, दामाद निकला पूरी कहानी का…

Rae Bareli

 

नवादाः जिले की वारिसलीगंज पुलिस ने सोमवार को तीन साल पहले हुई हत्या की गुत्थी सुलझा ली। थाना क्षेत्र के मुड़लाचक मुहल्ला समीचक निवासी स्वर्गीय बंगाली सिंह के पुत्र शिवशंकर सिंह की 15 दिसंबर 2020 को हत्या कर दी गई थी। जबकि हत्या के बाद मृतक शिवशंकर की छोटी बेटी शालिनी कुमारी का अपहरण कर लिया गया था।

इस मामले में मृतक के पुत्र संटू कुमार के लिखित आवेदन पर 16 दिसंबर 2020 को वारिसलीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। घटना के करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी। पुलिस ने इस मामले को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी के नेतृत्व में वारिसलीगंज थाना प्रभारी आशीष कुमार मिश्रा और केस के अनुसंधानकर्ता राजू कुमार को उक्त मामले का पर्दाफाश करने की जिम्मेवारी दी।

अपहृत शालिनी को पुलिस ने किया बरामद

इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर राज्य के समस्तीपुर जिले के रोसरा थाना अंतर्गत सहियारडीह निवासी संजय सिंह के पुत्र राहुल सिंह, जो मृतक शिवशंकर का दामाद है। घर से अपहृत शालिनी को बरामद कर लिया गया। पुलिस राहुल को भी गिरफ्तार कर अपने साथ वारिसलीगंज ले आई। जहां पुलिस की पूछताछ में राहुल सिंह ने शिवशंकर की हत्या और शालिनी के अपहरण का जुर्म कबूल कर लिया।

इस आशय की जानकारी पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में गिरफ्तार राहुल ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2011 में मृतक की बड़ी बेटी खुशबू कुमारी से हुई थी, लेकिन पत्नी खुशबू राहुल के साले राजवीर सिंह के पुत्र आनंद प्रकाश सिंह के साथ चली गयी। वह वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के तरौरा निवासी है और उसके साथ रहने लगी। इस घटना से राहुल काफी नाराज हुआ और मृतक शिवशंकर के पास आया और मामले को सुलझाने की गुहार लगाई।

कई बार बदला ठिकाना

एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार राहुल ने बताया कि वह उस घटना से आक्रोशित था और बदला लेने के लिए 15 दिसंबर 20 को अपने ससुर शिवशंकर सिंह की हत्या कर दी। हत्या के संबंध में राहुल ने बताया कि सोते समय पहले उसके सिर पर ईंट से वार किया, फिर चाकू से उसकी गर्दन काट कर उसे मौत की नींद सुला दिया। बाद में वह मृतक की छोटी बेटी शालिनी, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त थी, को अपने साथ ले गया, जो मृतक के बगल वाले कमरे में सो रही थी। हालांकि, मंदबुद्धि होने के कारण बेटी शालिनी को अपने पिता की हत्या के बारे में पता नहीं चल सका।

भागने के बाद राहुल और शालिनी कुछ दिनों तक अलग-अलग जगहों पर किराए के मकान में रहे। एक साल बीतने के बाद दोनों घर पर रहने लगे। राहुल ने शालिनी से मंदिर में शादी भी की। शालिनी को घर में छिपाकर रखा गया, ताकि कोई देख न सके। एसपी द्वारा गठित टीम के अथक प्रयास से घटना को अंजाम देने वाले राहुल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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उक्त घटना के समय जिले की कमान एसपी हरि प्रसाद एस के पास थी। उन्होंने घटना के खुलासे की दिशा में काफी प्रयास भी किये। लेकिन सफलता नहीं मिली। शिवशंकर की मौत और शालिनी के अपहरण से नाराज लोगों ने वारिसलीगंज बाजार बंद करा दिया था। शिवशंकर हत्याकांड की गुत्थी सुलझने के बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

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