पुडुचेरी संकट के बाद अब पंजाब में भी सुगबुगाहट, कैप्टन नहीं होंगे चुनावों में पार्टी का चेहरा !

चंडीगढ़ः पुडुचेरी में संकट के बाद अब कांग्रेस को पंजाब में भी संकट नज़र आने लगा है। पार्टी विधायकों में आक्रोश के बाद कांग्रेस राज्य अध्यक्ष सुनील जाखड़ को एक ही सप्ताह में अपने बयान से यू -टर्न लेना पड़ा है। स्थानीय निकाय चुनाव जीतने के बाद प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ ने वर्ष 2022 के विधान सभा चुनावों के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री का चेहरा बताया था। लेकिन पार्टी में विरोध के स्वर उठने के बाद गुरुवार को जाखड़ ने कहा कि विधानसभा चुनावों में विजय के बाद विधायक और पार्टी हाई कमांड ही मुख्यमंत्री तय करेगा। नवजोत सिद्धू के करीबी कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह की आज की गई टिप्पणी पर हाई कमांड तक ने गंभीरता दिखाई है। विधायक प्रगट ने कहा है कि सुनील जाखड़ नहीं तय करेंगे कि आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?

चार वर्ष की पंजाब की कैप्टन सरकार में कांग्रेस के दो राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो के अतिरिक्त चंद अन्य विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार को बार-बार निशाना बनाया जाता रहा है। एक बार फिर से आंतरिक विरोध की सुगबुगाहट उठी है और वो भी ऐसे समय में जब खफा माने जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को फिर से सरकार में शामिल करने का स्पष्ट संकेत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने दिया है। 17 फरवरी को नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस की जबरदस्त जीत के बात पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि लोगों ने कैप्टन अमरेंदर सिंह को एक बार फिर से जनमत दिया है और आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में चेहरा कैप्टन ही होंगे। यहां तक कि जाखड़ ने तो नया लोगो ” कैप्टन फॉर 2022 का पोस्टर जारी कर दिया।

पंजाब प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ की अब इसी कैप्टन खुशामदी पर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इस बारे में जाखड़ की शिकायत पार्टी हाई कमांड को की गई है। इधर, कांग्रेस के विधायक और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान प्रगट सिंह ने एक बार फिर से जाखड़ के बयानों पर आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि अपने वादे के मुताबिक पंजाब की कैप्टन सरकार खरी नहीं उतरी, पार्टी का प्रदर्शन आशानुसार ठीक नहीं रहा। लोग एक बार जरूर सोचेंगे और फिर से मतदान का कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि जाखड़ कौन होते हैं ये तय करने वाले कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा। स्थिति को भांपते ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष जाखड़ ही अपने बयानों से पलट गए हैं। आज उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में पार्टी का चेहरा तय करना पार्टी हाई कमांड के अधिकार में है। यदि फिर बार पार्टी के विधायक चुनाव तो जीतते तो वे ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा।

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उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू जो कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं वे फिर से सरकार में लौटने की तैयारी में है। ऐसे में जाखड़ के बयान ने फिर से गुटबाजी को हवा दे दी है।