औगाडोगूः पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो (Burkina Faso) में इस्लामिक चरमपंथियों ने 60 को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना बुर्किना फासो के सीमावर्ती प्रांत यतेंगा के करमा गांव की यहां सेना की वर्दी आए जिहादियों ने 60 लोगों की हत्या कर दी। इस हमले में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। यह क्षेत्र अफ्रीकी देश माली और बुर्किना फासो की सीमा पर स्थित है।
सेना की वर्दी पहने थे हमलावर
सूत्रों की मुताबिक हमलावर सेना की वर्दी में आए थे। जिहादियों नरसंहार के बाद गांव में लूटपाट भी की। औआहिगौया कस्बे में पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि माली के पास बॉर्डर इलाकों में यतेंगा प्रांत के कर्मा गांव पर हमले हुए थे। इसकी जांच में सामने आया कि हमलावर अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े हुए है।
बता दें कि बुर्किना फासो में पिछले कुछ समय से ऐसी वारदाते लगातार बढ़ रही हैं। इससे पहले 15 अप्रैल को भी संदिग्ध जिहादियों ने 40 लोगों मौत के घाट उतार दिया गया था। जिसमें 34 नागरिक और 6 सैनिक शामिल थे। सरकारी बयान में इसके लिए संदिग्ध जिहादियों को जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही अपनी धरती की रक्षा के लिए 40 लोगों के शहीद होने की बात कही गई थी। हाल ही में ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा था कि 2022 के बाद से बुर्किना फासो में नागरिक समूहों पर सशस्त्र समूहों के हमलों में बढ़ोतरी हुई है।
हिंसा में अब तक हजारों लोगों की जा चुकी है जान
गौरतलब है कि पिछले साल बुर्किना फासो (burkina faso) में सेना ने तख्तापलट किया है। किन्तु वह हिंसा पर रोक नहीं लगा पाई है। दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक बुर्किना फासो में बीते वर्षों में हजारों लोग हिंसा में मारे गए थे। इसकी शुरुआत 2012 में पड़ोसी देश माली में हुई थी। इसकी आंच अब धीरे-धीरे बुर्किना फासो और नाइजर तक पहुंच गई है। इस हिंसा में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
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