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फरीदाबाद में प्रशासन ने ढहाए अवैध रूप से बने मकान, भारी पुलिस बल तैनात

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फरीदाबादः फरीदाबाद के सूरजकुंड स्थित खोरी गांव में शुक्रवार को जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अवैध मकानों के तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान जहां 9 बुलडोजर मौजूद रहे वहीं भारी पुलिस बल भी मुस्तैद रहा। लोग अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने उजड़ते हुए देखते रहे और उनकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे, लेकिन पुलिस बल के चलते प्रशासन ने उनकी एक न सुनी।

गौरतलब है कि लगभग 6 महीने पूर्व में इसी स्थान पर नगर निगम प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी। इन 6 महीनों में फिर से इतने ज्यादा संख्या में लोगों ने अवैध मकान कैसे बना लिए? यह अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। हैरानी इस बात की है कि इसी स्थान पर आज तीसरी बार बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है।

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निगम प्रशासन ने काफी साल पहले फॉरेस्ट विभाग को फॉरेस्ट के लिए 100 एकड़ जमीन दी थी। इनमें लगभग 25 एकड़ जमीनों पर लोग अवैध रूप से मकान बना कर रह रहे हैं। इसी स्थान पर लगभग छह महीने पहले भी तोड़फोड़ की बड़ी कार्रवाई की गई थी। अब लोगों ने यहां पर फिर से मकान बना लिए हैं इसलिए फिर से वह लोग तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए आए हैं। उनका कहना है कि आज तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए नगर निगम प्रशासन के दो कार्यकारी अभियंताओं को विशेष रूप से नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त तोड़फोड़ के लिए 9 टीमें बनाई गई और अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए 9 जेसीबी मशीनें हैं।

इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीसीपी सेंट्रल मुकेश मल्होत्रा और एनआईटी डीसीपी डॉ. अर्पित जैन की विशेष तौर पर ड्यूटी लगाई गई। इनके नेतृत्व में लगभग 1500 पुलिस कर्मियों को तैनाती की गई। एनआईटी डीसीपी डॉ. अर्पित जैन अपने टीम के साथ बाहर के इलाके में शरारती तत्वों पर नजरे टिकाए रहे, जबकि डीसीपी सेंट्रल मुकेश मल्होत्रा जहां तोड़फोड़ हो रही थी, यानी अंदर अपने टीम के साथ नजरें बनाए रहे।

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वहीं अपने आशियानें उजड़ते देख स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2005 में दो लाख रुपये में ये प्लाट खरीदा था, किसी ने कहा कि ढाई लाख रुपये में इस जमीन को खरीद कर मकान बनाए थे, उनकी इन मकानों को जिला प्रशासन ने तीसरी बार तोड़ा है। अब उनकी कमर टूट चुकी है।