नई दिल्लीः नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की तरफ से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ इस हफ्ते की शुरुआत में चलाए गए अब तक के सबसे बड़े अभियान को एजेंसी ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ नाम दिया है। सूत्रों ने कहा कि सेवा में लगाए गए सभी 300 अधिकारियों को छापेमारी के दौरान चुप रहने के लिए कहा गया। दरअसल एजेंसियां पीएफआई के पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करना चाहती हैं।
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100 से ज्याता PFI सदस्य गिरफ्तार
‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ के तहत 100 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 200 को हिरासत में लिया गया। ईडी और एनआईए ने जांच के दौरान पाया है कि पीएफआई के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। छापेमारी पीएफआई के शीर्ष नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर एनआईए द्वारा दर्ज पांच मामलों के संबंध में की गई थी। आरोप है कि संगठन के सदस्य को आतंकी फंडिंग हो रही थी। वह युवाओं को झांसे में लेकर आंतकी ट्रेनिंग देते थे।
विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना ही उद्देश्य
NIA ने दावा किया है कि आरोपी धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आंतकी प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे। जांच एजेंसी ने कहा कि पीएफआई द्वारा किए गए आपराधिक हिंसक घटनाएं जैसे कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मो को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटकों का संग्रह करना आदि शामिल है।
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