रांची (Ranchi): अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) रांची महानगर ने सोमवार से रांची विश्वविद्यालय के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया। आंदोलन के पहले दिन रांची विवि के सभी सात कॉलेजों में कुलपति का पुतला फूंका गया। इसके बाद रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति ने एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति को पत्र सौंपा।
मांगों में रांची विश्वविद्यालय से आउटसोर्सिंग एजेंसी (एनसीसीएफ) को पूरी तरह बाहर करने, पीएचqडी की बची हुई सीटों को अविलंब भरने, मांडर कॉलेज के प्राचार्य को अविलंब हटाने, सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मचारियों को अविलंब हटाने, शिक्षकों व कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने, खेलकूद आदि शामिल है। इसमें सभी कॉलेजों में परीक्षा शुल्क बढ़ाने और घटाने की व्यवस्था करना शामिल है।
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छात्र हित में निर्णय लेंगे: कुलपति
वार्ता के दौरान रांची विश्वविद्यालय के कुलपति ने आउटसोर्सिंग के मामले पर कहा कि 10 दिनों के अंदर हम सभी बैठ कर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर चर्चा करेंगे और फिर छात्र हित में निर्णय लेंगे। इस पर वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश मीडिया समन्वयक दुर्गेश यादव ने कहा कि जिस आउटसोर्सिंग एजेंसी (एनसीसीएफ) को यूजीसी ने ब्लैकलिस्टेड कर दिया है, आखिर विश्वविद्यालय की ऐसी क्या मजबूरी है कि विश्वविद्यालय का कार्य किया जा रहा है। इसे आउटसोर्सिंग द्वारा किया गया। कुलपति ने इन सभी मांगों पर 10 दिन के भीतर अधिसूचना जारी करने को कहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय को चेतावनी दी है कि अगर अधिसूचना जारी नहीं हुई तो विद्यार्थी परिषद 10 दिनों के बाद पूरे रांची विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर देगी और अपने आंदोलन को आगे बढ़ायेगी।
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