UP Police Constable Recruitment: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में मुख्यमंत्री योगी की अभ्युदय योजना से जुड़े बच्चों ने अपना परचम लहराया है। योजना से जुड़े 173 छात्रों ने लिखित परीक्षा में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी प्रदेश के गरीब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के 75 जिलों में 156 कोचिंग सेंटर चला रहे हैं।
गरीब छात्रों को मिल रही नई दिशा
मुख्यमंत्री योगी की अभ्युदय योजना गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अपनी शुरुआत से ही इस योजना ने प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। मुख्यमंत्री की यह दूरदर्शी पहल प्रदेश के वंचित और गरीब तबके के छात्रों को नई दिशा देने का काम कर रही है।
UP Police Constable Recruitment में 48 छात्राओं ने मारी बाजी
प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अभ्युदय योजना सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार योजना से जुड़े प्रदेश भर के कुल 173 अभ्यर्थियों में से 125 लड़कों ने सफलता हासिल की है जबकि 48 लड़कियों ने बाजी मारी है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को निःशुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इन जिलों से सर्वाधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण
प्रदेश के सभी 75 जिलों में संचालित कुल 156 कोचिंग केंद्रों में लखनऊ, बलिया, देवरिया, अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर के अभ्यर्थियों ने सर्वाधिक सफलता हासिल की है। लखनऊ केंद्र से जहां 35 अभ्यर्थियों ने बाजी मारी, वहीं बलिया से 17 अभ्यर्थियों ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा पास की है। इसके अलावा देवरिया से 11, अंबेडकरनगर से 10, सुल्तानपुर से 07 और बलरामपुर से 07 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है।
आपको बता दें कि यूपी पुलिस कांस्टेबल के कुल 60 हजार 244 पदों पर भर्ती होनी है। इसमें कुल 48 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 34 लाख 60 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा में एक लाख 74 हजार 316 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं।
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अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को यूपीएससी-आईएएस, आईपीएस, राज्य सिविल सेवा-पीसीएस, आईआईटी-जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है। इस पहल का एक मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को छोड़ने को मजबूर न हो।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को उनके ही जिले में कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाती है, ताकि उन्हें अपने घर से दूर न जाना पड़े। यह सुविधा उन छात्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में रहते हैं और जिनके लिए बड़े शहरों में जाकर महंगी कोचिंग लेना संभव नहीं है। सभी कोचिंग सेंटरों में अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं।
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