कांग्रेस के गढ़ में AAP ने लगाई सेंध, जालंधर उपचुनाव में सुशील रिंकू ने 58 हजार वोटे से दर्ज की जीत

jalandhar by-election sushil rinku

jalandhar by-election sushil rinku

चंडीगढ़: पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को जालंधर लोकसभा उपचुनाव में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को 58,691 मतों के भारी अंतर से हरा कर जीत हासिल की। जालंधर 24 साल तक कांग्रेस का गढ़ रहा। कांग्रेस के बागी और आप प्रत्याशी सुशील रिंकू ने संतोख चौधरी की पत्नी करमजीत कौर को हराया है।

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चौधरी का निधन हो गया था, जिसके चलते यह सीट खाली हुई थी। 1999 के बाद पहली बार  कांग्रेस को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। पिछले पांच दशक में कांग्रेस इस सीट पर सिर्फ चार बार चुनाव हारी है। यह राज्य आप इकाई के लोकसभा में फिर से प्रवेश का प्रतीक है। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान आप के पहले और एकमात्र लोकसभा सांसद थे। उन्होंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने के बाद संसद से इस्तीफा दे दिया। पिछले उपचुनाव में उनके द्वारा छोड़ी गई सीट को उनकी पार्टी बरकरार नहीं रख सकी। आप को 3,02,097 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 2,43,450 वोट मिले। अकाली-बसपा गठबंधन 1,58,354 मतों के साथ तीसरे और भाजपा 1,34,706 मतों के साथ चौथे स्थान पर रही।

जालंधर संसदीय आरक्षित सीट राज्य के दलित बहुल दोआबा क्षेत्र में आती है। आप उम्मीदवार रिंकू को दलित समुदाय में अच्छा समर्थन प्राप्त है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 42 फीसदी दलित आबादी है। हार स्वीकार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने आम आदमी पार्टी और उसके उम्मीदवार सुशील रिंकू को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम जनता के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं! मैं हैशटैग जालंधर उपचुनाव के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, समर्थकों और पूरे @INCPunjab नेतृत्व को कड़ी मेहनत और उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं सुशील रिंकू और आप पार्टी को जीत की बधाई देता हूं। सीएम केजरीवाल ने इस अभूतपूर्व जीत को भगवंत मान सरकार के अच्छे काम की वजह बताते हुए कहा, ‘हम काम की राजनीति करते हैं और अपने काम के लिए लोगों से वोट मांगते हैं और लोगों ने भगवंत मान पर मुहर लगा दी है.’ सरकार का काम कह रहा है कि ‘हम आपके साथ हैं’, यह एक बड़ा संदेश है।

यह भी पढ़ें-कोहली बोले- ‘मैं भाग्यशाली हूँ कि पहले दिन से RCB के लिए खेल रहा हूँ ‘, किये कई खुलासे

केजरीवाल और मान ने जालंधर में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। मतदाताओं से अपील की कि आप सरकार केवल एक साल के लिए सत्ता में है, और 2024 में अगले लोकसभा चुनाव से पहले 11 महीने का समय दिया जाना चाहिए। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक का कहना है कि जालंधर उपचुनाव एक था मुख्यमंत्री मान के लिए करो या मरो की लड़ाई एक पर्यवेक्षक ने आईएएनएस को बताया, आप की जीत मान के प्रशासनिक और नेतृत्व गुणों के साथ-साथ एक चुनौती देने वाले के रूप में एक राष्ट्रीय आख्यान बनाने पर मुहर लगाती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जालंधर संसदीय सीट की नौ में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जबकि बाकी सीटों पर आप ने जीत दर्ज की थी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)