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Raghav Chadha: ‘फर्जी हस्ताक्षर’ मामले में AAP सांसद राघव चड्ढा पर गिरी गाज, राज्यसभा से निलंबित

AAP MP Raghav Chadha-Suspended

Raghav Chadha Suspension: नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को ‘विशेषाधिकार के उल्लंघन’ के आरोप में राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। चार सांसदों की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है। वहीं सदन में राघव चड्ढा के आचरण को बेहद नंदनीय बताया गया। दरअसल चार सांसदों ने स्पीकर से शिकायत की थी कि आप सांसद राघव चड्ढा ने उनकी इजाजत के बिना प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा है। अब सदन की विशेषाधिकार समिति राघव चड्ढा के खिलाफ जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट और सिफारिश देगी। इसके आने तक राघव चड्ढा सदन से निलंबित रहेंगे।

गौरतलब है कि राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़ी विधायी प्रक्रिया के दौरान राघव चड्ढा की ओर से एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इसमें प्रस्ताव प्रवर समिति में नाम जोड़ने से संबंधित है। इसमें 4 सदस्यों का नाम उनकी अनुमति के बिना जोड़ दिया गया। इन सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इस मामले में राज्यसभा में भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा, मामला बहुत ही गंभीर है, जिस तरह से बिना जानकारी के सदस्यों का नाम सूची में डाल दिया गया है, यह बहुत गलत है।

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नोटिस का जवाब देंगे राघव चड्ढा

वहीं, राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठ बताते हुए कहा कि वह विशेषाधिकार समिति द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देंगे. राघव ने कहा कि वह भाजपा की रणनीति का पर्दाफाश करेंगे, जो एक सांसद के रूप में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही है। आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई को साजिश करार दिया है। आप का कहना है कि बीजेपी युवा और प्रभावी सांसद राघव चड्ढा के खिलाफ साजिश के तहत उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए यह अभियान चला रही है, जिसकी पार्टी निंदा करती है. एक उभरते युवा, निडर और गतिशील सांसद के खिलाफ ये बेबुनियाद आरोप हैं और उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए एक सुनियोजित प्रचार है।

प्रेम कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर साधा था निशान

इस मामले पर राघव चड्ढा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रवर समिति के पूरे मामले को आसान शब्दों में समझाते हुए राघव ने कहा कि नियमावली के मुताबिक, प्रवर समिति में किसी का नाम रखने के लिए हस्ताक्षर और सहमति की जरूरत नहीं है। राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने कहा कि बीजेपी का मंत्र है कि एक झूठ को हजार बार बोलो तो वह सच में बदल जाता है।

मुझे भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए यहां आने के लिए मजबूर होना पड़ा।’ कमेटी या आसान पर नहीं बोलेंगे, सिर्फ नियमों पर बोलेंगे। नियम पुस्तिका के अनुसार, चयन समिति में नाम प्रस्तावित करने के लिए आपको लिखित सहमति या हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। झूठ फैलाया गया कि यह जालसाजी है। बीजेपी को चुनौती है कि जिस कागज पर दस्तखत हैं वो कागज लेकर आएं।।कहां है वो कागज, ये सब क्यों हुआ?

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