जरा हटके

शादी के 50 साल बाद फिर सजा दूल्हे का सेहरा, बच्चों की जिद पर किया ये अनोखा काम

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धमतरीः सिंध शक्ति महिला संगठन और सिंधी समाज के सदस्यों ने शादी के 50 साल पूरे कर चुके सिंधी समाज के बुजुर्ग जोड़ों को यादगार पल देने और खुशियां बांटने के लिए एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया । 50 साल बाद एक बार फिर जब बच्चे माता- पिता को देखकर मुस्कुराने लगे तो दादा- दादी दूल्हा- दुल्हन के वेश में सजे- धजे थे । बच्चों व परिजनों ने पुष्पवर्षा कर लंबी उम्र की कामना की । शुक्रवार को शादी के 50 साल पूरे करने वाले बुजुर्ग जोड़ों की शहर में बारात निकाली गई । हर जगह सम्मान था । फूल बरसाए गए । सभी जोड़ों को सम्मान के साथ ऑटो में बिठाया गया । सिर पर पगड़ी और लाल रंग का जोड़ा सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहा था । शोभायात्रा के समय गांठ बांधी गई । जुलूस झूलेलाल मंदिर से पूजा- अर्चना के बाद निकाला गया जो कचहरी चौक, मठ मंदिर चौक, गोलबाजार, मकई चौक होते हुए सिंधी धर्मशाला पर समाप्त हुआ । कार्यक्रम समन्वयक पार्वती वाधवानी व अन्य सदस्यों ने बताया कि संस्था पूर्व में भी कई रचनात्मक कार्यक्रम कर चुकी है । इस बार हमारा उद्देश्य बड़ों का सम्मान करना है । शादी के 50 साल पूरे कर चुके समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने ऐसे लोगों के सिर पर पगड़ी बांधकर दुल्हन के वेश में शहर में शोभायात्रा निकाली, जिसकी सभी ने सराहना की । सभी चौक- चौराहों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया । कपल की गोल्डन जुबली धूमधाम से मनाई गई । सभी जोड़ों के हाथों में मेहंदी लगाई गई । लाल रंग का वस्त्र धारण किया हुआ था । दोनों को फूलों से सजे रिक्शे पर बिठाया गया । बैंड बाजे की धुन पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई । शहर के वरिष्ठ समाजसेवी संगठन, राजनीतिक दल, गणमान्य व्यक्तियों का जगह- जगह स्वागत किया गया, आमापारा धर्मशाला पहुंचकर एक दूसरे को माला पहनाई, पति ने पत्नी को मंगलसूत्र पहनाया । पत्नी ने पति को जंजीर से बांध दिया । मांग में सिंदूर भरा हुआ था । गोल्डन जुबली केक काटा गया । फूलों की बारिश हुई । संत शिरोमणि सहरावती ने आशीर्वाद दिया इस मौके पर सभी बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान थी । यह भी पढ़ेंः-फूड पॉइजनिंग मामलाः हंसता जोकर ब्रांड आटे के तीन हजार पैकेट जब्त, फैक्ट्री सील इस घटना ने हमारे जीवन में नई खुशियां भर दी बच्चों की जिद पर 50 साल बाद एक बार फिर से परिणय सूत्र में बंधने वाले कन्हैया लालवानी, भगवानदास चावला, रमेश कुमार सुंदरानी व अन्य ने कहा कि यह आयोजन हम सबके लिए यादगार पल बन गया है । शादी की रस्में, बैंड बाजे की धुन हमें 50 साल पीछे ले गई । इस घटना ने हमारे जीवन में नई खुशियां भर दी यह जीवन भर याद रहेगा । (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)