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रोजा इफ्तार के बीच बीएचयू में गर्माया नया विवाद, दीवारों पर लिखे गये आपत्तिजनक नारे

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वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से संबद्ध महिला महाविद्यालय में आयोजित रोजा इफ्तार को लेकर विवाद अभी थमा भी नहीं है कि एक नए विवाद ने परिसर के माहौल को गरम कर दिया है। गुरुवार को परिसर में जगह-जगह दीवारों पर जातिगत और कश्मीर मुद्दे पर आपत्तिजनक टिप्पणी लिखा देख छात्र भड़क गये। सूचना पर विश्वविद्यालय की प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम ने पुलिस को बुलवा कर दीवारों पर लिखे नारों को मिटवा दिया। लंका पुलिस विवादास्पद नारे लिखने वाले छात्रों की तलाश में जुट गई है।

विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर बीसी कापड़ी ने कहा कि कुछ लोगों की मंशा है कि विश्वविद्यालय का वातावरण खराब हो, लेकिन हमारे छात्र इस तरह के वातावरण को समझते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे संगठन के लोगों को चिह्नित कर लिया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके पहले बुधवार की शाम महिला महाविद्यालय में आयोजित रोजा इफ्तार में कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन भी शामिल हुए। कुलपति ने महाविद्यालय के रोजेदार शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं के साथ रोजा इफ्तार किया। इस दौरान कुलपति ने छात्राओं से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्राक्टर से कहा कि आवश्यकताओं के बारे में जरूरी होमवर्क कर उन्हें अवगत कराएं।

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इसके बाद छात्राओं ने कुलपति के साथ सेल्फी ली। महाविद्यालय से कुलपति के निकलने के बाद छात्रों के एक गुट को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर इफ्तार के विरोध में अभियान शुरू कर दिया। महाविद्यालय परिसर में भी हंगामा शुरू कर दिया। लामबंद छात्रों ने कुलपति आवास के सामने जमकर प्रदर्शन किया और देर शाम कुलपति का पुतला भी फूंका। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.गिरीश चंद त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में नवरात्रि के समय फलाहार की परंपरा शुरू की थी। उस परंपरा को खत्म करके इफ्तार की नई परंपरा शुरू की जा रही है। आक्रोशित छात्रों ने कहा कि अगर कुलपति प्रो. सुधीर जैन को इफ्तार करना है तो वह एएमयू या जामिया जा सकते हैं, यहां उनकी आवश्यकता नहीं है। छात्रों ने कहा कि बीएचयू में आज तक कभी भी इस तरह से इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं हुआ है।

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