Dhanteras 2024: हिन्दू धर्म में वैसे तो सभी त्योहार हर्षोउल्लास के साथ मनाए जाते हैं। लेकिन धनतेरस का पर्व बहुत ही खास माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस से ही दीपावली के 5 दिन के पर्व की शुरुआत हो जाती है।
बता दें कि धनतेरस (Dhanteras 2024) पर मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विधान है, साथ ही यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। धन्वंतरि को भगवान विष्णु का 12वां अवतार माना जाता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से लंबी आयु और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
साथ ही धनतेरस पर सोने व चांदी से बनी वस्तुएं व स्टील के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी से साल भर धन में वृद्धि होती है। इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
Dhanteras 2024: धनतेरस पर जरुर करें ये उपाय-
- धनतेरस का दिन शुभता लेकर आता है, इसलिए इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह जरुर बनाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है और नकारात्मकता दूर रहती है।
- इसके अलावा धनतेरस के पावन दिन अपनी तिजोरी में सात तरह के अनाज जरूर रखें। जैसे चावल, मूंग, गेहूं, उड़द, चना, तिल और जौ। इससे पूरे साल धन-धान्य की कमी नहीं होती और लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
- धनतेरस पर गाय को गुड़ और रोटी खिलाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य का आशीर्वाद मिलता है।
- धनतेरस के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को तुलसी की माला अर्पित करें। इसे अपने पूजा कक्ष में रखने से स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है। मानसिक दुविधा और चिंताएं दूर होती हैं। आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भी यह उपाय बहुत लाभकारी माना जाता है।
Dhanteras 2024 shubh muhurt : तिथि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबकि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार को सुबह 10:31 बजे से शुरू होगी और यह तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे समाप्त होगी। ऐसे में धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
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Dhanteras 2024 date: धनतेरस की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि की समुद्र मंथन के दौरान की उत्पत्ति हुई थी। भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृतलाश लेकर प्रकट हुए थे। चार भुजाओं वाले भगवान धन्वंतरि एक हाथ में आयुर्वेद शास्त्र, दूसरे में औषधि कलश, तीसरे में जड़ी-बूटियां और चौथे हाथ में शंख होता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्मोउत्सव मनाया जाता है।
भगवान धन्वंतरि को महान चिकित्सक माना जाता है। उनका जन्म लोक कल्याण के उद्देश्य से हुआ था। धनतेरस पर इनकी आराधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है। धन्वंतरि की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन खरीदी गई चीजें बहुत शुभ होती हैं। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से उसमें कई गुना बढ़ोतरी होती है।