Muzaffarnagar slapping incident: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में छात्र की पिटाई के मामले में जवाब दाखिल न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य के शिक्षा सचिव को अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश का अभी तक पालन नहीं हुआ है, आपके राज्य में छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है। न्यायमूर्ति ए. एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
क्या है मामला
कोर्ट ने कहा कि पीड़ित बच्चे और अन्य बच्चों की अभी तक काउंसलिंग नहीं की गई है। राज्य सरकार का रवैया आश्चर्यजनक है। राज्य सरकार की नाकामी के बाद कोर्ट ने बच्चों की काउंसलिंग के तरीके सुझाने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को नियुक्त करने का आदेश दिया। 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक बच्चे को थप्पड़ मारने की घटना पर गंभीर चिंता जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूल में बच्चों के खिलाफ सांप्रदायिक आधार पर हिंसा बेहद गलत है। कोर्ट ने कहा था कि इस घटना से सरकार की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिए था। कोर्ट ने इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने का आदेश दिया था और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह बच्चे की पढ़ाई दूसरे स्कूल में कराए और उसकी मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी कराए।
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6 सितंबर को जारी हुआ था यूपी सरकार को नोेटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में वायरल वीडियो का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज करने और पुलिस को जांच का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में मामले की समय पर और स्वतंत्र जांच के निर्देश देने की भी मांग की गई है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में एक टीचर ने एक मुस्लिम बच्चे को उसी क्लास के दूसरे बच्चों से पिटवाया था। इस घटना के बाद काफी हंगामा हुआ। घटना के बाद मुजफ्फरनगर के उस स्कूल को सील कर दिया गया।
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