नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में 1 अक्टूबर से डीजल से चलने वाले जनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने कुछ आपातकालीन सेवाओं के लिए 31 दिसंबर तक छूट दी है। शुक्रवार को आयोग ने आपात्कालीन सेवाओं का हवाला देते हुए इनके लिए 31 दिसंबर की समयसीमा तय की है। आयोग ने अपने संशोधित निर्देशों में कहा कि आपातकालीन सेवाओं को बाधित न करने के लिए, जीआरएपी की प्रतिबंध अवधि के तहत डीजल जनरेटर सेटों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
इन्हें दी गई अनुमति
सीक्यूएम ने शुक्रवार को कहा कि 30 सितंबर तक सभी हितधारकों को अपने डीजल जनरेटर को बदलना होगा, या उन्हें संशोधित करना होगा और अनुमोदित गैस किट स्थापित करनी होंगी। ताकि इससे होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, कुछ आपातकालीन सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें 31 दिसंबर तक छूट दी गई है। अस्पताल, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, रेलवे, मेट्रो, चिकित्सा सेवाएं, नर्सिंग होम, स्वास्थ्य सेवाएं, घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित सुविधाएं, राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना, दूरसंचार, डेटा सेवाओं और आईटी संबंधित योजनाओं को डीजी सेट का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। लेकिन इन इकाइयों को तीन माह में डीजी सेट बदलने का भी आदेश दिया गया है। 31 दिसंबर के बाद इन आपातकालीन सेवाओं पर भी डीजी सेट के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
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सीएम का प्लान तैयार
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को सर्दियों के मौसम के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की। दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी, ताकि सर्दी के मौसम में दिल्लीवासियों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के लोगों की कड़ी मेहनत से प्रदूषण का स्तर लगभग 30 प्रतिशत कम हुआ है। इस बार फिर प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में दिल्ली तैयार है और दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान भी तैयार है।
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