Friday, December 13, 2024
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शुरू करें कपास की खेती, होगी मोटी कमाई, 15 मई तक कर सकते हैं इसकी बुवाई

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लखनऊः अप्रैल का महीना खत्म हो चुका है और पारा अपने चरम पर है। यह दिन ऐसे हैं, जिनमें किसान कपास की खेती को शुरू कर सकते हैं। पिछले कई सालों में स्थानीय स्तर पर कपास की खेती करने वालों की संख्या घटी है, लेकिन आमदनी के मामले में यह आज भी बहुत अच्छी फसल है। ऐसे में इस फसल की बुवाई करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

किसानों के लिए अधिक लाभ कमाने के लिए कपास की बुवाई के रास्ते खुले हैं और इसकी बुवाई 15 मई तक बो सकते हैं। किसान अपने खाली पड़े खेतों में अगली फसल कपास बोएं और अच्छी आमदनी का अवसर पा सकते हैं। इसकी बुवाई की प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू होती है। किसानों के लिए कपास की बिजाई का उचित समय 15 अप्रैल से 15 मई तक माना गया है। इस दौरान किसान इसकी बुवाई कर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। बीते कुछ सालों से लखनऊ के करीबी जिलों में भी कपास के प्रति रूझाव नहीं दिखा है, इसलिए इसके उत्पादन में कमी आई है।

यही नहीं, सर्दियों में अच्छी रूई भी काफी महंगी हो चली है, इसलिए किसान वैज्ञानिक इस बार कपास के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। अगेती बिजाई कर गर्मी की मार से कपास के पौधे को बचाया जा सकता है। 15 अप्रैल को जिन किसानों ने इनके बीज बोए, वह मई में काफी बड़े हो जाते हैं। इससे खेत की नमी भी कम सूखती है। किसान को ज्यादा पानी देने की जरूरत नहीं पडत है। जो किसान इसे मई के अंतिम सप्ताह में बोते हैं, वह फसल काफी देर से होती है और उसकी सिंचाई भी ज्यादा करनी पड़ती है।

इससे दोहरा नुकसान होता है। पहला तो सिंचाई ज्यादा करनी पड़ती है और दूसरा फसल भी देर से मिलती है। यहां एक संदेह भी दूर करना जरूरी है कि यूपी में कपास की खेती कम होती जा रही है इसलिए जो किसान इसके प्रति रूख करते हैं, उन्हें ज्यादा फायदा मिलना तय है। काॅटन के मामले में आज भी जो रूई देसी कपास के रूप में मिलती है, वह अन्य नई किस्म में नहीं है। यहां तक कि तेल की बाती भी देसी रूई की ही जल पाती है। देसी बीज भी किसान क्रय केंद्र से मंगाए जा सकते हैं।

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हर मिट्टी है अनुकूल –

कपास की अच्छी पैदावार के लिए सभी तरह की मिट्टी को उपजाऊ माना गया है। यदि कपास के लिए कम उपज वाली मिट्टी है तो वह है रेत, क्योंकि इसमें कपास की बढ़वार नहीं होती है।

गहराई पर बोएं बीज –

कपास की बिजाई हमेशा लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर करें। इसके अलावा पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर तक रखें। किसान अभी से अपने खेतों में कपास की बुवाई कर दें। इससे अधिक गर्मी होने तक कपास से नुकसान की बजाए अधिक मुनाफा होगा।

– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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