शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार अपने एन.पी.एस. कर्मचारियों को ओ.पी.एस. के लाभ प्रदान करेगी, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ ही प्रदेश की सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान भी प्राप्त होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को उनके सभी देय लाभ समय पर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का भारी बोझ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटड़ी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.01 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम दिनों में मात्र चुनावी लाभ के लिए प्रदेश में लगभग 900 संस्थान खोल दिए। यह सभी संस्थान एवं कार्यालय बिना किसी बजट प्रावधान के ही खोले गए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को कार्यशील करने के लिए प्रदेश सरकार को और 5 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी, जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
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