नई दिल्लीः केरल में कोरोना कहर के बीच अब निपाह वायरस ने भी दस्तक दे दी है। निपाह वायरस से राज्य में 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है। केरल के कोजिकोड में एक बच्चे की निपाह वायरस से मौत की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार हरकत में है। केन्द्र सरकार ने भी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञों की टीम केरल रवाना की है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बच्चे को तीन सितंबर को दिमागी बुखार एवं माइकॉर्डीटिस के लक्षण के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान बच्चे की आज सुबह मौत हो गई। केन्द्र सरकार ने विशेषज्ञों की टीम रवाना कर दी है, जो रविवार को ही पहुंच कर राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। केन्द्र ने राज्य को मृतक के सभी संपर्क की खोज कर उन्हें क्वारंटीन करने की सलाह दी है। सभी बच्चों के संपर्क के सैंपल लेकर उन्हें जांच के निर्देश दिए हैं। राज्य को इस संबंध में सतर्कता बरतने को भी कहा गया है।
कितना खतरनाक है निपाह वायरस
बता दें कि केरल के कोझिकोड और मल्लापुरम जिलों में 2018 में निपाह वायरस संक्रमण फैला था। इस वायरस की चपेट में आने से सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। मरीजों को निपाह वायरस की चपेट में आने के बाद मरीजों को सांस लेने में परेशानी शुरू हो जाती है। साथ ही तेज बुखार भी आ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरस की चपेट में आने से 50-75 फीसदी मरीजों की मौत होने की संभावना रहती है।
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जब इस वायरस का संक्रमण पहली बार फैला था, तब 250 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए थे और इनमें से अस्पतालों में भर्ती करीब 40 फीसदी मरीजों को गंभीर बीमारी हुई थी और उनकी मौत हो गई थी। ज्ञातव्य है कि साल 2018 में भी केरल के कोजिकोड और मल्लापुरम में निपाह वायरस के मामले सामने आए थे। निपाह वायरस चमगादड़ों से फैलता है।
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