नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए लाखों लोगों के टीकाकरण का बोझ राज्यों पर डाल रही है, जबकि विशेषज्ञों की सोच इससे उलट है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी कार्यसमिति की वर्चुअल माध्यम से बैठक की। बैठक में उन्होंने कोविड महामारी की दूसरी लहर को काबू करने में केन्द्र सरकार को विफल बताया और राज्यों पर टीकाकरण का बोझ डालने के लिए केन्द्र की आलोचना की।इसके साथ ही उन्होंने महामारी में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे मदद अभियान की प्रशंसा की।
बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने राज्यों में मिली हार की समीक्षा के लिए छोटे समूह के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राज्यों में मिली चुनावी हार की समीक्षा के लिए छोटे समूह का गठन होना चाहिए।
पार्टी की ओर से सोनिया गांधी का आरंभिक वक्तव्य जारी किया गया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। सरकार ने राज्यों को 18 से 45 आयु वर्ग के लाखों लोगों के टीकाकरण की लागत वहन करने के लिए बाध्य किया है। हर विशेषज्ञ का कहना है कि केंद्र द्वारा लागत वहन करना आर्थिक रूप से अधिक न्यायसंगत होगा।
वक्तव्य में कहा गया है कि मोदी सरकार की अन्य प्राथमिकताएं हैं। जनता की राय और व्यापाक आलोचना के बावजूद भव्य परियोजना (सेन्ट्रल विस्टा) चलाना है। यह भी शर्म की बात है कि केंद्र सरकार विपक्ष द्वारा शासित राज्यों के साथ भेदभाव करती रहती है।
उन्होंने कहा कि हाल के चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक बुलाई गई है। पार्टी को अपनी गंभीर असफलताओं पर ध्यान देना होगा। वह मानती हैं कि हर पहलू को देखने के लिए एक छोटा समूह स्थापित करना चाहिए। हमें स्पष्ट रूप से समझना होगा कि केरल और असम में हम सत्ता परिवर्तन में विफल क्यों रहे, और पश्चिम बंगाल में हमें कोई सीट नहीं मिली। हमें वास्तविकता को समझकर सही सबक लेना होगा।
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पार्टी अध्यक्षा ने भारत की मदद के लिए विदेशी सरकारों का धन्यवाद किया है। साथ ही अपने कार्यकर्ताओं विशेषकर युवा कांग्रेस के प्रयासों को अनुकरणीय बताया है। उन्होंने पार्टी के इन प्रयासों के बीच बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया।