प्रयागराज: संगम की रेती पर गुरूवार को मकर संक्रान्ति का स्नान कोहरे व गलन के साथ कड़ाके की ठंड होने के बावजूद श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों का तांता लगा हुआ है। पुण्यकाल होने के कारण अधिकतर संतों एवं श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालु तिल और खिचड़ी का दान कर रहे हैं। संगम समेत अन्य स्नान घाटों पर स्नानार्थियों का जमावड़ा लगा रहा।
ठंड और कोहरा के बावजूद संक्रान्ति के पुण्यकाल में स्नान करने हेतु घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भोर से ही जुटने लगी थी। हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ स्नानार्थी गंगा में पूण्य की डुबकी लगा रहे हैं। स्नान के बाद घाट पर ही पूजा-पाठ कर तिल व खिचड़ी का दान कर पुण्य का लाभ ले रहे हैं।
मकर संक्रान्ति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है। आज के दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित किया जाता है। मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान करने से अक्षय फल एवं पुण्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य देव सुबह मकर राशि में 08:30 बजे प्रवेश करेंगे, यह मकर संक्रान्ति का क्षण होगा। इसका पुण्य काल कुल 09 घण्टे 16 मिनट का है। गुरूवार को मकर संक्रान्ति का पुण्य काल सुबह 08 बजकर 30 मिनट से शाम को 05 बजकर 46 मिनट तक है। इसके साथ ही इस वर्ष माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है। 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति से आरम्भ हो रहे माघ मेला के छह स्नान पर्व में चार स्नान पर्व गुरुवार को ही पड़ रहे हैं। ग्रहीय गोचर के मुताबिक, गुरु बृहस्पति महामारी व अनिष्टकारी शक्तियों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसमें 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व भी गुरुवार को पड़ेगा। इस बीच 16 फरवरी को बसंत पंचमी मंगलवार और माघी पूर्णिमा 27 फरवरी शनिवार को पड़ेगा।
मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर बुधवार की देर रात से वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है, जो आज रात तक जारी रहेगा। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी व आईजी कविन्द्र प्रताप सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी समेत लगभग सभी अधिकारी मेले की व्यवस्था और सुरक्षा का पूरा जायजा ले रहे हैं।
गंगा स्नान से मिलता है पुण्य
अखिल भारतीय दण्डी स्वामी सन्यासी प्रबन्धन समिति स्वामी ब्रह्माश्रम जी महाराज ने बताया कि शिविर में माघी पूर्णिमा तक प्रतिदिन सुबह पांच बजे से सात बजे तक चाय एवं नाश्ता, दोपहर में श्रीमद्भागवत कथा-प्रवचन एवं अन्न क्षेत्र चलेगा। इसके अलावा रात में रामलीला और रासलीला होगी। उन्होंने बताया कि कल्पवास के दौरान गंगा में स्नान के बाद दान से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है और वह भव सागर से मुक्ति पाता है।
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प्रयाग में कल्पवास से मोक्ष की प्राप्ति
श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत मनोहर दास ने बताया कि माघ मास के समय तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयाग तीर्थों का राजा है, यहां भगवान वेणीमाधव, गंगा यमुना एवं सरस्वती का संगम है। यहीं पर भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि के विकास के लिए सहस्त्रों यज्ञ किया था। उन्होंने कहा कि शिविर में आज से सुरभि यज्ञ, कथा प्रवचन और भण्डारा शुरू हो गया है, जो माघी पूर्णिमा तक चलेगा।