Home उत्तर प्रदेश घर में रहकर 90 वर्षीया हीरावती ने दी कोरोना को मात

घर में रहकर 90 वर्षीया हीरावती ने दी कोरोना को मात

जौनपुरः आखिर मां तो मां ही होती है, बच्चों के कष्ट के सामने वह अपने दुख-दर्द की कोई अहमियत नहीं देती है। बेटा-बेटी चाहे जितनी भी उम्र के हो जाएं, लेकिन मां की निगाह में वह हमेशा बच्चे ही होते हैं। समस्या तब आती है जब मां खुद अल्जाइमर जैसी बीमारी से ग्रसित हों और उन्हें खुद यह सुध न रहती हो कि उन्हें हुआ क्या है ? ऐसी ही एक मां हैं, जिन्होंने 90 वर्ष की उम्र में परिवार वालों की समुचित देखभाल से कोरोना को मात दी और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

90 वर्षीया पूर्व ग्राम प्रधान हीरावती मिश्रा ग्राम पंचायत चुरावनपुर की रहने वाली हैं। इस उम्र में कोरोना के लक्षण के बाद हुई जांच में वह 16 अप्रैल को पॉज़िटिव निकलीं थी। बेटा और दो बहू भी साथ में पॉजिटिव हो गए। ऐसे में कोरोना से परिवार में सुरक्षित बचे छोटे बेटे डॉ. मनोज मिश्र और पौत्री प्रियेषा ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और तय कर लिया कि सभी को पूरी तरह से हिम्मत बंधाकर रखना है और कोरोना से सुरक्षित बचाना है। समुचित देखभाल का नतीजा रहा कि इस संकट की घड़ी में भी बगैर अस्पताल गए सभी लोग होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो गए। डाॅ. मनोज मिश्र बताते हैं कि कोरोना के लक्षण आने के तीसरे दिन से ही माता जी की हालत ज्यादा ख़राब होने लगी थी, दो कदम चलना भी मुश्किल लग रहा था और गले में संक्रमण इतना हो गया था कि दवा खाने में भी दिक्कत महसूस हो रही थी। ऐसे में परिवार ने कोरोना जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किये बगैर ही चिकित्सक के परामर्श से एलोपैथिक दवाओं के साथ घरेलू उपचार शुरू कर दिया। रिपोर्ट आने के बाद दवा शुरू करते तो शायद मुश्किल और बढ़ सकती थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की निर्धारित दवाओं के नियमित सेवन के साथ ही आयुर्वेदिक औषधि में काली मिर्च, मुलेठी, सोंठ और पीपर चूर्ण के मिश्रण ने बड़ी राहत दी। छाती में पांचवें दिन संक्रमण ज्यादा बढ़ने पर पारिवारिक चिकित्सक द्वारा बताए गए स्टेरॉयड का इस्तेमाल गेमचेंजर बनकर उभरा। दवाओं के नियमित सेवन के साथ ही भाप लेना, गुनगुना पानी पीने और सकारात्मक बने रहने से घर पर ही रहकर ही सब लोग ठीक हो गए। माता जी खुद से दवा भी नहीं खा सकतीं थीं तो ऐसे में उनके साथ बैठकर दवा खिलाना, खाना खिलाना और गुनगुना पानी पिलाना, बड़ा ही चुनौती भरा था, लेकिन हम लोगों ने हार नहीं मानी और उस सेवा का परिणाम रहा कि वह कोरोना को मात देने में सफल रहीं।

कोरोना से हैं हम ज्यादा ताकतवर
कोरोना उपचाराधीनों की देखभाल कर चुके डॉ. मनोज मिश्र का कहना है कि कोरोना से लड़ने का एक ही तरीका है कि खुद को उससे अधिक ताकतवर महसूस करो और मन में एक पल के लिए भी नकारात्मक विचार न आने दो। उन्होंने सभी से यही अपील की है कि यह वक्त बड़ा मुश्किल भरा जरूर है, लेकिन जरूरी सावधानी, सतर्कता और प्रोटोकॉल का पालन करके हम सभी उससे सकुशल उबर सकते हैं। इसलिए बहुत आवश्यक हो तभी बाहर निकलें और जब काम से बाहर निकलें तो डबल मास्क से नाक और मुंह अच्छी तरह से ढका होना चाहिए, बाहर जिससे भी मिलें उससे उचित दूरी बनाकर रखें और अपने हाथों को बार-बार साबुन-पानी से धुलते रहें। इसके अलावा कोविड से बचने के लिए समय पर टीका अवश्य लगवाएं।

यह भी पढ़ेंःचक्रवात ‘तौकते’ पर मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राजस्थान में…

सावधानी से दे सकते हैं मात
कोरोना बीमारी के शुरुआती लक्षण पता चल जाने पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोग की गंभीरता से बचा जा सकता है। आम जनमानस में कोरोना संक्रमण को लेकर जो भय व्याप्त है, उसे दूर किया जा सकता है। कोरोना से जंग जीतने वाले अनेक लोग हैं, जो लक्षण की पहचान कर तुरंत इलाज शुरू करके स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इसी क्रम में न्यू रामनगर कॉलोनी, मैहर मंदिर शास्त्री नगर जौनपुर के निवासी अखिलेश कुमार सिंह का कहना है की 15 अप्रैल 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की ड्यूटी से आने के बाद शरीर में बुखार, दर्द, भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। कोरोना टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई और डॉक्टर की देखरेख में स्वयं को मैंने आइसोलेट कर लिया और डॉक्टरों द्वारा बताई गई दिनचर्या का नियमित रुप से पालन किया। योग प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, प्रातः काल धूप लेना आदि दैनिक क्रिया करने के परिणामस्वरूप आज मैं पूरी तरह स्वस्थ जीवन जी रहा हूं। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं स्वयं के परिवार जन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

Exit mobile version