गुवाहाटी: चक्रवाती तूफान रेमल के कारण हुई भारी बारिश के कारण असम में अब तक दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 3.50 लाख लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार कछार जिले में एक बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
3.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित
हैलाकांडी जिले में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई। पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य के 11 जिलों में 78 हजार से अधिक बच्चों समेत 3.50 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कछार जिले में करीब 1.20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नागांव जिले में 78,756 लोग, होजाई जिले में 77,030 लोग, करीमगंज जिले में 52,684 लोग और हैलाकांडी जिले में 10,165 लोग प्रभावित हुए हैं। कार्बी आंगलोंग, धेमाजी, होजई, कछार, करीमगंज, डिब्रूगढ़, नागांव, हैलाकांडी, गोलाघाट, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों के 25 राजस्व ब्लॉकों के कुल 560 गांव अभी भी जलमग्न हैं।
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कपिली, बराक, कटाखाल और कुशियारा समेत कई नदियों का जलस्तर मूसलाधार बारिश के बाद खतरे के निशान से ऊपर है। बाढ़ प्रभावित जिलों में 4931 हेक्टेयर फसल क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूब गया है। प्रशासन ने 187 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 68,600 लोगों ने शरण ली है। बाढ़ से कुल 10,23,063 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।
बचाव अभियान तेज
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, असम पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं और स्थानीय प्रशासन कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान में लगे हुए हैं। पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी ने 11 सड़कें, कई स्वास्थ्य केंद्र, पुलिया, आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल भवन, सिंचाई नहरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और तीन तटबंधों को तोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में प्राकृतिक आपदा के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।