दिल्ली

भाजपा नेता सुरेंद्र मटियाला हत्याकांड में कपिल सांगवान गैंग के 6 सदस्य गिरफ्तार, ऐसे रची थी साजिश

Surendra Matiala murder case Kapil Sangwan gang 6 people arrested
 Surendra Matiala murder case Kapil Sangwan gang 6 people arrested नई दिल्ली: दिल्ली द्वारका में शहर के बीजेपी नेता सुरेंद्र मटियाला की हत्या के मामले में किपल सांगवान गैंग के 6 आरोपियोंं को गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। मामले में एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आरोपियों की पहचान हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी योगेश कुमार (30), सोहित उर्फ सचिन (25) दिल्ली के पालम कॉलोन निवासी दीपक बेरवा (19) और अरुण चंद्र (19) के रूप में हुई है। बीजेपी यूनिट के नजफगढ़ किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र के कार्यालय में 14 अप्रैल को दो अज्ञात लोगों ने प्रवेश किया और उन पर गोलियां चलाईं। गोली बारी में उनकी मौत हो गई। मामले में पुलिस उपायुक्त द्वारका एमं हर्षवर्धन ने बताया कि आरोपियों की पहचान के लिए कई सीसीटीवी खंगाली जिसमें आरोपियों की पहचान हुई। टीम ने 4 लोगों पर ध्यान केंद्रीत किया है। इनमें सो दो ने नेता पर गोलियां चलाई थी। जबकि दो लोग घटनास्थल के पास बाइक  के पास मौजूद थे। डीसीपी ने बताया, एक बाइक द्वारका के साउथ इलाके से चोरी हुई पाई गई। पुलिस की एक टीम ने उस जगह के सीसीटीवी फुटेज की जांच करना शुरू किया जहां से बाइक चोरी हुई थी जिससे दीपक, अरुण और दो किशोरों की पहचान हुई। यह भी पढ़ें-Insurance Scam: CBI के निशाने पर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, भेजा नोटिस टेक्निकल सर्विलांस और ह्यूमन इंटेलिजेंस से खुलासा हुआ कि फारार आरोपी कपिल सांगवान इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता था। डीसीपी ने बताया कि सांगवान ने रोहित के साथ मिलकर इस हत्याकांड की साजिश रची थी। साजिश में रोहित उसका भाई सोहित, योगेश और अन्य लोग शमिल थे। कथित तौर पर राजस्थान के दो आपराधियों को इस घटना को अंजाम देने के लिए रोहित ने शामिल किया था। रेड के दौरान सोहित पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिक ने बताया कि साजिश में सोहित की अहम भूमिक थी। चार अन्य आरोपी अरुण,क दीपक और दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया। वही मुख्य शूटर को योगेश को चंडीगढ़ से 20-21 अप्रैल की दरमियान रात को गिरफ्तार किया। कब्जे से अत्यधुनिक पिस्टल और पांच गोलियां बरामद की गई। डीसीपी ने दावा किया कि फारार अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने व अपने घटते समूह को फिर से खड़ा करन के लिए ये हताशापूर्ण कृत्य किया क्योंकि उसेक अधिकांश सहयोगी मकोका के तहत जेल में हैं।
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