नई दिल्ली: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5G कनेक्शन, मोबाइल सब्सक्राइबर और IoT कनेक्शन 2021 में 574 मिलियन से बढ़कर 2025 में 3.2 बिलियन हो जाएंगे। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह पांच साल की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है। इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IIoT) दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5G सेवाओं को शुरू करने के महत्वपूर्ण कारणों में से एक है।
IDC के अनुसार, एशिया-प्रशांत में लगभग 12.4 प्रतिशत दूरसंचार वाहक उत्तरदाताओं ने IIoT को 5G परिनियोजन के शीर्ष कारणों में से एक बताया। अधिकांश दूरसंचार वाहक 5G परिचय के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपयोग मामलों के रूप में विनिर्माण, स्मार्ट गतिशीलता वाले स्मार्ट शहरों और स्मार्ट भवनों सहित महत्वपूर्ण उद्योगों को देखते हैं। पीयूष सिंह, सीनियर मार्केट एनालिस्ट, टेलिकॉम एंड आईओटी, एशिया पैसिफिक, आईडीसी ने बताया कि डिजिटलीकरण व कनेक्टिविटी के जरिए एक हरे, कम कार्बन वाले फ्यूचर में बदलाव संभव होगा।
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उद्योग 4.0 की अवधारणाओं में से एक दक्षता ऊर्जा बचत के बराबर है। सिंह ने कहा कि ऊर्जा बचाने के लिए कई संगठन अंततः दक्षता बढ़ाते हैं। पूरे एशिया-प्रशांत में विनिर्माण सुविधाओं ने परिसर में उपकरणों के विभिन्न टुकड़ों को नियंत्रित करने के लिए निजी या समर्पित नेटवर्क लागू किए हैं। अस्थिर वायरलेस संचार और विलंबता किसी भी फर्म में डिजिटल परिवर्तन को अपनाने में बाधक हैं, जिन्हें 5G की मदद से हल किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि IoT उपकरणों को बहुत विश्वसनीय संचार की आवश्यकता होती है, जिसे निजी 5 जी नेटवर्क के जरिए से भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
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