लखनऊः उत्तर प्रदेश के 19 शहरों में ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए जल्द ही 1850 ई-बसों का बेड़ा लॉन्च होने जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से देशभर के 03 से 40 लाख की आबादी वाले शहरों को 10 हजार बसों का तोहफा देने की योजना है। इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने चार विभागों के अधिकारियों की फिजिबिलिटी सर्वे कराने के लिए एक टीम गठित की है। अधिकारियों को योजना को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने 03 से 40 लाख आबादी वाले शहरों में प्रथम चरण में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 19 शहरों के लिए चुनौती पद्धति के आधार पर 1850 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रस्तावित किया गया है। योजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए संबंधित शहरों की व्यवहार्यता सर्वेक्षण चेकलिस्ट तैयार करना अनिवार्य है, जिसके लिए प्रत्येक शहर में एक सर्वेक्षण टीम का गठन किया गया है। सर्वेक्षण टीम में नगर निकाय उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल है। (डिस्कोक), सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड और सीईएसएल अधिकारियों को शामिल किया गया है।
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इसी क्रम में योजना की प्रगति और समीक्षा के लिए शनिवार को भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए वांछित भूमि की उपलब्धता की समीक्षा की गई तथा शहरवार पर्याप्त भूमि की व्यवस्था करने तथा इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग हेतु विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े ने इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु लखनऊ के हरदोई रोड पर दुबग्गा में बने अनुरक्षण डिपो तथा वृन्दावन योजना (पी-4 पार्किंग) में उपलब्ध भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया।
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