इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रह रहे करीब 13 लाख अफगानी (Afghan) नागरिकों को अपने देश लौटना होगा। ये लोग पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे हैं। पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगानी नागरिकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने यह चेतावनी दी है।
तय की गई थी समय सीमा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सर्दियों की शुरुआत और अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मानवाधिकार समूहों द्वारा अभियान की व्यापक आलोचना के बीच गुरुवार को चेतावनी जारी की थी। पाकिस्तान में बिना दस्तावेज के रह रहे प्रवासियों के लिए देश छोड़ने या गिरफ्तारी का सामना करने की समय सीमा तय की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने 1 नवंबर से घर-घर जाकर प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच करने की प्रक्रिया शुरू की।
शरणार्थियों को डरने की जरूरत नहीं
पाकिस्तान का कहना है कि शरणार्थियों के रूप में पंजीकृत 14 लाख अफगान लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका दर्जा दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस कार्रवाई के कारण हाल के हफ्तों में करीब 3 लाख 40 हजार अफगानी लोगों को वर्षों तक पाकिस्तान में रहने के बाद देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। दशकों से पाकिस्तान में रहने वाले अधिकांश अफगानों का कहना है कि उन्हें और समय दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके पास अफगानिस्तान में घर नहीं हैं। अफ़गानों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि वे दोबारा कब अपनी नई ज़िंदगी शुरू कर पाएंगे।
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डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि अचानक और बड़ी संख्या में लोगों के लौटने से अन्य संबंधित कारकों के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा पैदा हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने उन जगहों पर बीमारियां और पोलियो वायरस फैलने का खतरा जताया है जहां से अफगानी लोग देश में प्रवेश कर रहे हैं।
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